India News (इंडिया न्यूज),sexual violence against palestinians:संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञ समिति ने इजरायल पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजरायल फिलिस्तीनी लोगों को आतंकित करने और उन पर नियंत्रण करने के लिए यौन हिंसा का इस्तेमाल कर रहा है। इजरायल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि यह रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण है और इजरायल के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया गया है। लेकिन इस रिपोर्ट में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो गाजा में हो रहे अत्याचारों की भयावह तस्वीर पेश करते हैं।
गुरुवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा और अन्य फिलिस्तीनी इलाकों में यौन और लिंग आधारित हिंसा के मामले तेजी से बढ़े हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कई मामलों में पीड़ितों को सार्वजनिक रूप से जबरन नंगा किया गया, उनके साथ यौन दुर्व्यवहार और बलात्कार किया गया। रिपोर्ट का दावा है कि यह सब सैन्य और नागरिक नेतृत्व की प्रत्यक्ष मंजूरी या मिलीभगत से हुआ। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गाजा पट्टी में स्वास्थ्य केंद्रों को व्यवस्थित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया और गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए जरूरी दवाइयां और अन्य चिकित्सा आपूर्ति रोक दी गई। नतीजतन, कई महिलाओं और बच्चों की जान चली गई, जिन्हें आसानी से बचाया जा सकता था।
sexual violence against palestinians
संयुक्त राष्ट्र आयोग का कहना है कि इजरायल की यह रणनीति मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आती है। रिपोर्ट के अनुसार, जन्म दर को नियंत्रित करने का यह प्रयास नरसंहार के मानकों को पूरा करता है। स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय आयोग की अध्यक्ष नवी पिल्लई ने कहा है कि यह साक्ष्य दर्शाता है कि यौन और लिंग आधारित हिंसा में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इजरायल ने इसे फिलिस्तीनियों को आतंकित करने और उनके अधिकारों को कमजोर करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।
आयोग ने पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए और फोटो और वीडियो साक्ष्य का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 अक्टूबर, 2023 से गाजा पट्टी, कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में ये अत्याचार तेजी से बढ़े हैं। इस दिन, फिलिस्तीनी लड़ाकों ने इजरायल पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और गाजा में लगभग 250 बंधक बना लिए गए। इससे पहले, जून 2024 में जारी एक रिपोर्ट में, आयोग ने हमले के दौरान हिंसा और यातना के मामलों का उल्लेख किया था।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने 2021 में इस स्वतंत्र आयोग का गठन किया था। इसका उद्देश्य इजराइल और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार कानूनों के उल्लंघन की जांच करना था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल ने आयोग के किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। इस आयोग का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अदालतों में इजराइल को जवाबदेह ठहराना है।
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