Afghanistan Public Execution
Afghanistan Public Execution: अफगानिस्तान में हाल ही में दी गई मौत की सजा फिलहाल चर्चा में है. स्टेडियम में 80,000 लोगों की मौजूदगी में 13 लोगों की हत्या के दोषी को गोली मारी गई. हैरान कर देने वाली बात यह है कि हत्या के दोषी को मौत की सजा 13 साल के एक बच्चे ने दी. इसके साथ ही 4 साल बाद अफगानिस्तान में फिर से शरिया कानून की वापसी की चर्चा शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर वायरल कुछ वीडियो इस खौफनाक घटना की गवाही दे रहे हैं. इसे लेकर दुनिया भर में बहस शुरू हो गई है कि क्या यह सब सभ्य समाज में जायज है. यह पूरा मामला अफगानिस्तान के पूर्वी इलाके खोस्त का है.
इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट का कहना है कि खोस्त (अफ़गानिस्तान) के एक स्पोर्ट्स स्टेडियम में एक आदमी को सरेआम मौत की सजा दी गई. खबर है कि यह घटना एक 13 साल के लड़के ने अंजाम दी. इसे हज़ारों लोगों ने देखा, जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे. ऐसी फांसी देना ह्यूमन राइट्स और मानवीयता का सरासर उल्लंघन है. यह इस्लामिक कानून के भी खिलाफ है. जानकारी के मुताबिक, मौत की सजा पाने वाले शख्स पर गोली मारने वाले बच्चे के परिवार के 13 लोगों की हत्या का इल्ज़ाम था. जान गंवाने वालों में 9 बच्चे भी थे. तालिबान अधिकारियों ने आरोपी की पहचान मंगल के रूप में की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 80 हजार स्टेडियम में मौजूद थे. इनमें पीड़ित परिवार भी शामिल था. खोस्त के स्पोर्ट्स स्टेडियम में लोग यह फांसी देखने पहुंचे. इससे जुड़े कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. खासतौर से एक वीडियो में देखा गया है कि स्टेडियम के बाहर तक लोग खचाखच भरा था. वीडियो में 5 गोलियों की आवाज़ के साथ भीड़ से धार्मिक नारे भी सुनाई देते हैं.
खोस्त के तालिबान गवर्नर के प्रवक्ता मुस्तग़फिर गुरबज का कहना है कि मंगल को खोस्त निवासी अब्दुल रहमान और उनके परिवार के 12 अन्य सदस्यों की हत्या के केस में दोषी पाया गया था. यह वारदात 10 महीने पहले अली शिर और तेरेज़ियो जिलों में हुई थी. इस हत्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिक्रिया आई है. UN के अफगानिस्तान के स्पेशल रैपोर्टर रिचर्ड बेनेट ने इसे अमानवीय, क्रूर और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताया. अफ़गानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के ऑफिशियल बयान के मुताबिक, मंगल नाम के शख्स को एक परिवार के 13 लोगों की हत्या के लिए मौत की सज़ा सुनाई गई थी, जिसे स्टेडियम में सरेआम मौत की सजा दी गई. बयान में आगे कहा गया कि इस आदेश को अफगानिस्तान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुनज़ादा ने मंज़ूरी दी थी.
अफ़गानिस्तान में तालिबान अधिकारियों ने मंगलवार को खोस्त शहर में एक आदमी को सरेआम फांसी दी, जिस पर एक परिवार के 13 लोगों की हत्या का आरोप था. मंगल नाम को सजा के तौर पर काबुल पर कब्ज़ा होने के बाद से काबुल में 11वीं फांसी दी गई. 2021 से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है. उधर, मंगलवार को पब्लिक में फांसी से कुछ पल पहले, अफगानिस्तान के लिए यूनाइटेड नेशंस के स्पेशल रैपोर्टर रिचर्ड बेनेट ने X पर जाकर फांसी रोकने की अपील की. उन्होंने पोस्ट किया- ‘पब्लिक में फांसी देना अमानवीय, क्रूर और असामान्य सजा है. उन्होंने इसे इंटरनेशनल कानून के खिलाफ भी बताया है. मौत के बाद UN अधिकारी ने कहा कि ऐसी फांसी मानवाधिकारों और सम्मान का घोर उल्लंघन है और इस्लामी कानून के खिलाफ है.
स्टेडियम में सामने फांसी देने से अफ़गानिस्तान में शरिया कानून की वापसी भी हुई, जिसे चार साल पहले US और NATO सेनाओं की अफ़रा-तफ़री वाली वापसी के बाद सख्ती से लागू किया गया था. कानून के दूसरे प्रावधानों में अफ़गान महिलाओं और लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगाना भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई फांसी को 80,000 लोगों ने देखा. अफगानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के ऑफिशियल बयान के मुताबिक, मंगल नाम के इस आदमी को अब्दुल रहमान और महिलाओं और बच्चों समेत 12 दूसरे लोगों की हत्या करने के बाद मौत की सज़ा सुनाई गई.
Zepto Blinkit Strike News: 31 दिसंबर, नए साल की शाम के लिए एक और हड़ताल की…
Shujalpur Child Lost School Bag Story: शुजालपुर में कक्षा 3 की छात्रा का सवारी ऑटो में…
Indian Idol Viral Performance: इंडियन आइडल (Indian Idol) के मंच पर हाल ही में एक…
Malaika Arora Red Saree Stunning Look: 50 की उम्र में भी मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) अपने…
3 Year Old Girl: दिल्ली के एक घर में छोटी-सी खरीददारी ने पूरे परिवार का…
Nia Sharma Laughter Chef Comeback: टीवी की ग्लैमरस क्वीन निया शर्मा (Nia Sharma) ने अपनी…