India News(इंडिया न्यूज), Us-China Conflict: व्हाइट हाउस ने सोमवार को चेतावनी दी कि समुद्र और हवा में अमेरिकी बलों के साथ निकट टकराव के लिए जिम्मेदार चीनी सेना की “आक्रामकता” जल्द ही हताहत का कारण बन सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, ” जिस अनप्रोफेशनल तरीके से चीनी सेना व्यवहार कर रही है, मुझे नहीं लगता किसी को चोट लगने में देर नहीं लगेगी।”
इससे पहले, पेंटागन ने शनिवार को कहा कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना के एक युद्धपोत का सामना चीनी युद्धपोत से हुआ था। इस दौरान दोनों के बीच टक्कर बाल-बाल बची। अमेरिका ने इसे असुरक्षित अभ्यास बताया तो चीन ने कहा कि उसका यह प्रयास जानबूझकर जोखिम को भड़काने वाला था। चीन ने इसके लिए अमेरिका और कनाडा की आलोचना भी की।
दरअसल, चीन और अमेरिका के बीच ताइवान, दक्षिण चीन सागर, सेमीकंडक्टर चिप निर्यात समेत कई मुद्दों पर विवाद है। दोनों ही देश ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर आमने-सामने आ चुके हैं। गत दिनों चीनी डिफेंस सेक्रेटरी ली शांगफु ने चेतावनी दी कि यदि दोनों देशों में टकराव हुआ तो ये दुनिया के लिए बड़ा विनाशकारी साबित होगा। शांगफु ने कहा कि हम अमेरिका से बातचीत चाहते हैं। हालांकि अमेरिकी अधिकारी ने इसे चीन का दूसरा चेहरा करार दिया।
गौरतलब है कि गत दिनों एशिया के शीर्ष सुरक्षा शिखर सम्मेलन ‘सांगरी ला’ डायलॉग को संबोधित करते हुए शांगफु ने कहा कि दुनिया इतनी बड़ी है कि चीन और अमेरिका साथ मिलकर विकास कर सकते हैं। उनका ये बयान इस बात का इशारा था कि चीन ने अमेरिका को दुनिया की एकमात्र महाशक्ति मानने से इनकार कर दिया है, जैसा कि अब तक अमेरिका खुद को इस रूप में देखता रहा है।