Hindi News / International / Biggest Deepfake Fraud Fake Zoom Meeting Cfo Cloned 25 Million Stolen

Deepfake Fraud: इस कंपनी के साथ हुआ अब तक का सबसे बड़ा डीपफेक फ्रॉड? 200 करोड़ से अधिक का घोटाला

India News, (इंडिया न्यूज), Deepfake Fraud: हांगकांग से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को डीपफेक की वजह से 200 करोड़ का चूना लगा है। बहुराष्ट्रीय कंपनी को अत्याधुनिक डीपफेक तकनीक का उपयोग करके अपने जाल में फसाया गया। जहां कंपनी $25.6 मिलियन (₹200 करोड़ से अधिक) के घोटाले […]

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News, (इंडिया न्यूज), Deepfake Fraud: हांगकांग से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को डीपफेक की वजह से 200 करोड़ का चूना लगा है। बहुराष्ट्रीय कंपनी को अत्याधुनिक डीपफेक तकनीक का उपयोग करके अपने जाल में फसाया गया। जहां कंपनी $25.6 मिलियन (₹200 करोड़ से अधिक) के घोटाले का शिकार हो गई।

पुलिस ने किया चौकाने वाला खुलासा

हांगकांग पुलिस ने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों को एक ग्रुप वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हेरफेर किया गया था, जहां पीड़ित को छोड़कर प्रत्येक प्रतिभागी को डीपफेक का उपयोग करके बनाया गया था।

खून-खराबे पर उतरी पाकिस्तानी सेना, ईद के मौके पर प्रदर्शनकारियों पर की जमकर फायरिंग, कई लोगों के मारे जाने की आशंका

Deepfake Fraud

क्या होता है डीपफेक
किसी रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर देने को डीपफेक नाम दिया गया है, जिसे आप लोग यकीन मान लें। डीपफेक से वीडियो और फोटो को बनाया जाता है। इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाता है। इसमें वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद बनाया जाता है। इसी डीपफेक से वीडियो बनाया जाता है।

साधारण शब्दों में समझें, तो इस टेक्नोलॉजी कोडर और डिकोडर टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है। डिकोडर सबसे पहले किसी इंसान के चेहरे को हावभाव और बनावट की गहन जांच करता है। इसके बाद किसी फर्जी फेस पर इसे लगाया जाता है, जिससे हुबहू फर्जी वीडियो और फोटो को बनाया जा सकता है। हालांकि इसे बनाने में काफी टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है।

क्या है पूरा मामला 

अपराधियों ने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वीडियो और ऑडियो फुटेज को डिजिटल रूप से क्लोन किए गए मुख्य वित्तीय अधिकारी सहित कंपनी के स्टाफ सदस्यों के जीवंत संस्करणों में बदलने के लिए डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल किया।

पीड़ित एक वित्त विभाग कर्मचारी को जनवरी के मध्य में एक फ़िशिंग संदेश प्राप्त हुआ कथित तौर पर कंपनी के यूके स्थित सीएफओ से उन्हें एक गुप्त लेनदेन करने का निर्देश दिया गया था।

डीपफेक प्रतिनिधि लगे सच्चे

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कंपनी के कर्मचारियों के डीपफेक प्रतिनिधि सच्चे प्रतीत हुए। जिससे पीड़ित को निर्देशों का पालन करना पड़ा और हांगकांग के पांच अलग-अलग बैंक खातों में कुल 25 मिलियन डॉलर के 15 हस्तांतरण करने पड़े।

घोटाला कैसे सामने आया

प्रारंभिक संपर्क से लेकर पीड़ित को यह एहसास होने तक कि यह एक घोटाला था, पूरा घटनाक्रम लगभग एक सप्ताह तक चला। पुलिस के अनुसार, घोटालेबाजों ने डीपफेक तकनीक का उपयोग करके बैठक के प्रतिभागियों को डिजिटल रूप से फिर से तैयार किया, उनकी आवाज़ों और दिखावे की सटीक सटीकता के साथ नकल की।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, घोटालेबाजों ने एक स्क्रिप्टेड स्व-परिचय का सहारा लिया और बैठक को अचानक समाप्त करने से पहले आदेश दिए। प्रारंभिक संपर्क के बाद, स्कैमर्स ने त्वरित मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म, ईमेल और एक-पर-एक वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ित के साथ जुड़ना जारी रखा। हालांकि पुलिस मामले की सक्रियता से जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

यह भी पढ़ेंः-

Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े शख्स को किया गिरफ्तार, LOC पर करता था ये नापाक हरकत

Lok Sabha Election 2024: वायनाड सीट पर सीपीआई की नजर, अब कहां से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी?

Tags:

AIartificial intelligence
Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue