संबंधित खबरें
भारत से कितना माल लूट ले गए थे 'सफेद शैतान', 4 बार बिक जाए अंग्रेजों का देश, सामने आई नई रिपोर्ट देखकर हैरान रह जाएंगे PM Modi?
बिना बुर्के और हिजाब के अफगानिस्तान की सड़कों पर घुमेंगी महिलाएं? अपने ही मंत्री के बगावत से हिल उठी तालिबानी सरकार
Donald Trump शपथ लेते ही फोड़ देंगे ये 5 बम, पलट जाएगी दुनिया की तस्वीर, जानें मास्टर प्लान का भारत पर क्या होगा असर?
पाकिस्तान की राह पर चला ईरान, अपने देश के बड़े सैलिब्रिटी को दी खौफनाक सजा, सुनकर कांप गए दुनिया भर के मुस्लमान
इस देश के पास दुनिया की 5 सबसे खतरनाक मिसाइलें, एक बटन में तबाह हो जाएगी पूरी दुनिया, भारत का क्या होगा हाल?
पाकिस्तान की विनाशकाले विपरीत बुद्धि? अपने ही 'रक्षकों' को बना दिया बेरोजगार, अब 100 अधिकारियों की लगेगी गंदी हाय!
India News(इंडिया न्यूज), Who was Ziaur Rahman : भारत के पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन के बाद सब बदलता हुआ नजर आ रहा है। खबरों के मुताबिक वहां की यूनुस सरकार देश को तानाशाही के दौर में वापस ले जाने पर उतारू लग रही है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक अब देश के नए सिलेबस में पढ़ाया जाएगा कि बांग्लादेश को आजादी शेख मुजीबुर्रहमान ने नहीं बल्कि जियाउर रहमान ने दिलाई थी।
बांग्लादेश में मुजीब को बंगबंधु के नाम से जाना जाता है। वहीं जिया-उर-रहमान बांग्लादेश के एक मिलिट्री शासक था। उसने साल 1977 से 1981 तक करीब चार साल तक राष्ट्रपति के रूप में देश की सत्ता संभाली। ऐसा कहा जाता है कि जिया-उर रहमान ने बांग्लादेश की सत्ता पाने के लिए बहुत से मिलिट्री अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया था।
जियाउर रहमान का जन्म 19 जनवरी 1936 को बंगाल के बागबारी में हुआ था। जियाउर रहमान को प्यार से जिया कहा जाता था। उनके पिता मंसूर रहमान एक रसायनज्ञ थे। जिया का बचपन कोलकाता और बोगरा में बीता। विभाजन के बाद मंसूर रहमान को कराची भेज दिया गया। जिसके बाद जिया की आगे की पढ़ाई कराची में हुई। बांग्लादेश की आजादी के वक्त जिया मेजर के पद पर तैनात थे। बाद में उन्हें मुक्ति का सेक्टर कमांडर बनाया गया। 1971 में बांग्लादेश को आजादी मिली। अगले साल 1972 में जियाउर रहमान को कर्नल के तौर पर पदोन्नति मिली।
साल 1953 में जिया ने एक कैडेट के तौर पर काकुल स्थित पाकिस्तान सैन्य अकादमी ज्वाइन की। दो साल बाद 1955 में उन्हें सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला। इसके बाद करीब पांच साल तक जिया ने पाकिस्तान सेना के खुफिया विभाग में भी काम किया। साल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ गई। इस जंग में खेमकरण सेक्टर में जियाउर रहमान ने भारत के खिलाफ जंग लड़ी।
बांग्लादेश के इतिहास के पन्नों में ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ काले अक्षरों में लिखा गया है। ऑपरेशन सर्चलाइट, 25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना ने लॉच किया था। इस दिन बांग्लादेश में मानवसंहार हुआ था। इसी के बाद मेजर जियाउर रहमान ने पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह कर दिया। 26 मार्च को जियाउर रहमान ने चटगांव के कलुरघाट रेडियो स्टेशन से आजादी का एलान किया। उनके बोले थे, “मैं मेजर जिया, बांग्लादेश मुक्ति सेना का प्रोविजनल कमांडर-इन-चीफ… बांग्लादेश की आजादी की घोषणा करता हूं।” अब मोहम्मद यूनिस की सरकार इसी घोषणा के आधार पर जिया को आजादी का क्रेडिट दे रही है।
पाकिस्तान से आजादी मिलने के बाद बांग्लादेश अलग देश बना तो शेख मुजीबुर्रहमान पहले राष्ट्रपति बने। 7 मार्च 1973 को मुजीब पहली बार बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बने। मगर दो साल बाद 1975 में बांग्लादेश को सैन्य तख्तापलट का सामना करना पड़ा। सैन्य विद्रोह में शेख मुजीब, उनकी पत्नी और तीन बेटों की हत्या कर दी गई। नए राष्ट्रपति खुंदकार मुश्ताक अहमद ने पद संभाला। उन्होंने जिया को सेना प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी।
1960 में जिया की शादी खालिदा जिया के संग हुई। 25 मई को जिया ने चटगांव जाने का फैसला किया। इसी दिन चटगांव के जीओसी मेजर जनरल मोहम्मद अबुल मंजूर का ढाका तबादला कर दिया गया। बताया जाता है कि मंजूर को यह तबादला पसंद नहीं आया। फिर मेजर जनरल अबुल मंजूर के पास दोस्त लेफ्टिनेंट कर्नल मोतीउर रहमान को जब तबादला की जानकारी मिली तो वह आग बबूला हो उठा। इसके बाद मोती ने 29 मई को ही जिया की हत्या की साजिश रचने की कोशिश की। फिर 30 मई की सुबह जगह के बाद वह जैसे ही बाहर आते हैं, उनका सामना विद्रोहियों से होता। सैन्य विद्रोही पूरी मशीन गन उन पर खाली कर दी गई।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.