संबंधित खबरें
ब्रिटेन सरकार ने रूस को लेकर दुनिया को दी बड़ी चेतावनी…हिल गए सारे देश, अब होगा कुछ बड़ा
पाकिस्तान ने जारी किया तालिबानी फरमान, अब मोबाइल फोन पर भी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे लोग, क्या है इसके पीछे का राज?
फेक न्यूज पर बने कानून को लेकर क्यों बैकफुट पर आया ऑस्ट्रेलिया, पीएम के इस फैसले से नाखुश दिखे उनकी ही पार्टी के नेता
91 साल की महिला हुई हवस का शिकार! दोस्त के जवान बेटे से रचाई शादी, फिर हनीमून पर हुआ ऐसा रोमांस…
अमेरिका से आगे निकला भारत! दुनिया के सबसे अमीर शख्स ने इस मामले में कर दी इंडिया की तारीफ, मामला जान विकसित देशों को लग जाएगी मिर्ची
पूर्वजों ने शारीरिक संबंध पर रखा गांव का नाम, अब ग्रामीण हो रहे परेशान, जानिए क्यों नाम सुनते ही हो जाते हैं शर्म से लाल?
India News(इंडिया न्यूज), Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की दक्षिण ध्रुव पर सफल लैंडिग को लेकर पूरी दुनिया ने भारत के वैज्ञानिकों को सराहा है। वहीं भारत का पड़ोसी मुल्क चीन अभी भी भारत के इस उपलब्धि को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसा इसलिए भी संभव है क्योंकि शायद चीन का चांद पर मौजूद खजाने को लूटने का सपना पूरा नहीं हो पाया। साथ ही अमेरिका के बाद अब भारत से मिल रहे कड़ी चुनौती को चीन समझ नहीं पा रहा है।
चीन के पहले चंद्र मिशन के मुख्य वैज्ञानिक ओयूयांग जियूआन ने दावा किया है, कि भारत का चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव या उसके पास लैंडिंग नहीं की है। उनका कहना है कि चंद्रयान-3 जहां पर लैंड हुआ वो न तो चंद्रमा का ध्रुवीय इलाका था, ना ही अंटारकटिक का ध्रुवीय इलाका। जियूआन ने यह दावा चीन के वैज्ञानिकों के मान्यता के आधार पर किया है। दरअसल, धरती पर 66.5 और 90 डिग्री के बीच का दक्षिण का इलाका दक्षिणी ध्रुव माना जाता है।
वहीं चीन का मानना है कि क्योंकि चंद्रमा 1.5 डिग्री झुका है, ऐसे में चांद का दक्षिणी ध्रुव का इलाका धरती के मुकाबले काफी छोटा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक चंद्रमा का दक्षिणी इलाका 80 से 90 डिग्री के बीच का है। वहीं चीन के वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रमा क् दक्षिणी ध्रुव 88.5 से 90 डिग्री के बीच है। जो कि काफी कम है।
बता दें कि अब तक दुनिया के किसी भी देश के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिग का खंडन नहीं किया। हालांकि पूरा विश्व भारत के इस उपलब्धि का गुणगान कर रहा है। ऐसा में चीन के इस दावे से जलन की बू आने लगी है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इसरो की जमकर तारीफ की है। हालांकि चीन के ही हांगकांग यूनिवर्सिटी के स्पेस रीसर्य लेब्रोटरी ने जियूआन के इस दावे का खंडन किया है।
Also Read:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.