India News (इंडिया न्यूज), Chinese Security In Pakistan: पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों और कामगारों पर हो रहे हमलों को लेकर चीन भी चिंतित हो गया है। संभवतः इसी को देखते हुए ड्रैगन ने अपनी परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए पहली बार पाकिस्तान में निजी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। चीन ने हाल ही में पाकिस्तान में सीपीईसी परियोजना से जुड़े अपने इंजीनियरों और कामगारों की सुरक्षा के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह कदम हाल ही में जाफर एक्सप्रेस के अपहरण और बलूचिस्तान में सेना की बस पर हमले के बाद उठाया गया है। कुछ दिन पहले बीएलए के लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस का अपहरण कर 214 सैनिकों को बंधक बना लिया था और उनकी हत्या करने का भी दावा किया था।
Chinese Security In Pakistan
चीन ने संयुक्त सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी अपनी तीन निजी कंपनियों डेवी सिक्योरिटी फ्रंटियर सर्विस ग्रुप, चाइना ओवरसीज सिक्योरिटी ग्रुप और हुआक्सिन झोंगशान सिक्योरिटी सर्विस को सौंपी है। पहले चरण में सिंध प्रांत में दो सीपीईसी बिजली परियोजनाओं पर 60 चीनी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। ये जवान सुरक्षा में लगी पाकिस्तानी सेना की निगरानी करेंगे।
सीपीईसी के तहत सिंध प्रांत के थार कोल ब्लॉक में दो बिजली परियोजनाओं पर करीब 6,500 चीनी नागरिक काम कर रहे हैं। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक चीनी नागरिकों के पहले घेरे में चीनी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि चीनी नागरिकों का बाहरी लोगों से कम से कम संपर्क हो। सुरक्षाकर्मी श्रमिकों की योजनाबद्ध आवाजाही सुनिश्चित करेंगे। यह योजना दूसरे सुरक्षा घेरे में तैनात पाकिस्तानी सेना के साथ साझा की जाएगी।
चीन ने पहले पाकिस्तान पर अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की एक इकाई तैनात करने का दबाव बनाया था। पाकिस्तान ने शुरुआत में इस पर सहमति नहीं जताई थी, लेकिन चीनी दबाव के बाद संयुक्त सुरक्षा कंपनियों के ढांचे पर हस्ताक्षर किए। इसी ढांचे के तहत पाकिस्तान में चीनी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।