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India News (इंडिया न्यूज), China Economy News : दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन अपनी इकॉनमी को बचाने के लिए कुछ बड़े फैसले लेने वाला है। खबरों के मुताबिक चीन ग्लोबल मार्केट के लिए अपनी इकॉनमी को खोलने की तैयारी में जुटा है। ड्रैगन के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ट्रंप की धमकी को भी बताया जा रहा है। असल में नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर टैक्स महंगा करने का इरादा जताया है।
इसके चलते चीन और अमेरिका के बीच व्यापार पर अनिश्चिचतता के बादल मंडराने लगे हैं। शीर्ष आर्थिक विशेषज्ञ अब चीने के इस फैसले को ट्रंप के खौफ के तौर पर देख रहे हैं।
असल में कोविड 19 के बाद से ही चीन का अर्थव्यवस्था मुश्किलों से जूझ रही है। इसी वजह से चीन में चीन में हाउसिंग सेक्टर की कर्ज की समस्या, उपभोक्ता खर्च में कमी और युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या है। वहीं, 20 जनवरी को अमेरिका में ट्रंप सरकार के शपथ ग्रहण के बाद चीन की परेशानियां और बढ़ती नजर आ रही हैं। पिछली बार सत्ता में रहने के दौरान भी ट्रंप ने चीनी आयात पर टैक्स लगाए थे और इस बार भी उन्होंने ऐसा करने की बात कही है।
वहीं दूसरी तरफ चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी) के उप निदेशक झाओ चेनजिंग ने अपनी प्रतिबद्धताएं जाहिर की हैं। उन्होंने कहाकि चाहे बाहर कैसा भी माहौल हो, अनिश्चितताएं कितनी भी हों, बाहरी दुनिया के लिए चीन अपनी इकॉनमी खोलने के लिए तैयार है।
इस वक्त चीन का पूरा ध्यान अपनी इकॉनमी को हाई टेक इनोवेशंस की तरफ ले जाने पर है। इस कड़ी में ग्रीन एनर्जी सेक्टर पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। आकड़ो के मुताबिक 2024 में चीन की कुल ऊर्जा उत्पादन का 40.5 फीसदी विंड और सोलर पॉवर से आया है। वहीं इससे पहले वाले साल में यह 36 फीसदी पर था। वहीं चीन इस वक्त देश की आबादी की बढ़ती उम्र के चलते यहां पर आर्थिक चुनौतियां से दो चार हो रहा है। 2024 में चीन में चाइल्डकेयर की संख्या 100000 और बुजुर्गों के लिए सुविधा केंद्र 410,000 हो गए हैं।
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