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Red Sea Crisis: लाल सागर संकट के बावजूद पिछले महीने बढ़ा निर्यात, 36.92 अरब डालर की खेप भेजी गई विदेश

Shubham Pathak • LAST UPDATED : February 16, 2024, 4:55 am IST
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Red Sea Crisis: लाल सागर संकट के बावजूद पिछले महीने बढ़ा निर्यात, 36.92 अरब डालर की खेप भेजी गई विदेश

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद वस्तु निर्यात में 3.12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

India News(इंडिया न्यूज),Red Sea Crisis: लाल सागर में उथल-पुथल और वैश्विक व्यापार में मंदी के बावजूद जनवरी में वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल जनवरी की तुलना में 3.12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जनवरी में सेवा निर्यात का प्रदर्शन भी अच्छा रहा और इस दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में सेवा निर्यात में 17.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

आयात में वृद्धि

पिछले दिसंबर में भी वस्तुओं के निर्यात में एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल-दिसंबर में माल का कुल निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 4.89 फीसदी कम है। वहीं, पिछले साल जनवरी के मुकाबले इस साल जनवरी में वस्तुओं के आयात में 2.99 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस साल जनवरी में निर्यात 36.9 अरब डॉलर और आयात 54.4 अरब डॉलर का था।

निर्यात में गिरावट

जनवरी में सेवा निर्यात 32.80 अरब डॉलर रहा। कमोडिटी निर्यात में इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम उत्पाद, प्लास्टिक, फार्मा जैसे क्षेत्रों ने सकारात्मक प्रदर्शन किया। लेकिन हस्तशिल्प, चमड़ा, परिधान और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों के निर्यात में गिरावट आई। वहीं, पिछले साल जनवरी के मुकाबले जनवरी में सोने के आयात में 173 फीसदी और चांदी के आयात में 323 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

अमेरिका और यूएई को सबसे ज्यादा निर्यात

सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका और यूएई को हुआ। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद निर्यात में वृद्धि हुई है क्योंकि हमारी निर्यात टोकरी में कई नए उत्पाद जुड़े हैं और पहली बार निर्यात होने वाली वस्तुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में 11,544 वस्तुओं का निर्यात किया गया।

पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 12,177 हो गई और इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसी तरह वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में वित्त वर्ष 22-23 तक निर्यातकों की संख्या में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा कीमती रत्न निर्यातक बन गया है।

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