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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
अफगानिस्तान की नर्ई सरकार तालिबान के अंदर चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) और तालिबान के बीच हुए खूनी संघर्ष में सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा को मौत के घाट उतार दिया गया है, और उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर (Mullah Baradar) को बंधक बनाकर रखा गया है।
यह दावा ब्रिटेन की एक मैगजीन द्वारा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्ता के लिए हुए खूनी संघर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान बरादर गुट को हुआ है। अफगानिस्तान में सरकार गठन के बाद ही तालिबान के अंदर संघर्ष सामने आया था। बरादर गुट व हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर आपस में भिड़ गए थे।
मैगजीन ने दावा किया है कि सितंबर में हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) और तालिबान के बीच सरकार गठन को लेकर बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों गुटों के बीच बहस हो गई। इसी दौरान हक्कानी नेटवर्क का नेता खलील-उल रहमान हक्कानी ने मुल्ला बरादर पर मुक्के बरसाने शुरू कर दिए। इसके बाद दोनों गुटों के बीच जमकर संघर्ष हुआ और बरादर को गोली लगने की खबरें सामने आईं थीं।
इस संघर्ष के बाद कई दिनों तक बरादर किसी के सामने नहीं आया। कयास लगाए जाने लगे कि गोली लगने से बरादर की मौत हो गई। इसी के बाद बरादर का एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें उसने खुद को ठीक बताया। मैगजीन का दावा है कि उस संघर्ष के बाद हक्कानी नेटवर्क ने किसी अज्ञात जगह पर बरादर को बंधक बना रखा है और उससे वीडियो भी जबरन बनवाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बरादर अफगानिस्तान की स्थाई सरकार में अल्पसंख्यक व गैर-तालिबानी नेताओं को भी शामिल करना चाहिता था, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सरकार को मान्यता दे। हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) इसके खिलाफ था। इसी को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद हुआ जो खूनी संघर्ष में बदल गया था।
तालिबान का सर्वोच्च नेता और खूंखार आतंकी हिबतुल्ला अखुंदजादा भी कई दिनों से दुनिया के सामने नहीं आया है। वैसे तो वह कभी प्रत्यक्ष रूप से दुनिया के सामने आता नहीं है, लेकिन इतने बड़े खूनी संघर्ष के बाद भी उसकी कोई खबर न आना इस बात का संकेत देता है कि अखुंदजादा का कत्ल कर दिया गया है।
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