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PM Modi के ‘ब्रह्मास्त्र’ से चारों खाने चित हुआ चीन, राष्ट्रपति प्रबोवो को गणतंत्र दिवस पर बुलाने के पीछे का सीक्रेट जान फूल गए Jinping के हाथ-पैर

BY: Sohail Rahman • LAST UPDATED : January 26, 2025, 10:37 am IST
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PM Modi के ‘ब्रह्मास्त्र’ से चारों खाने चित हुआ चीन, राष्ट्रपति  प्रबोवो को गणतंत्र दिवस पर बुलाने के पीछे का सीक्रेट जान फूल गए Jinping के हाथ-पैर

India-Indonesia Relations (भारत और इंडोनेशिया का संबंध)

India News (इंडिया न्यूज), India-Indonesia Relations: 76वें गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति  प्रबोवो सुबियांटो विशेष अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे हैं। इसको लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, ‘हमारे विशेष अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो हैं। 1950 में पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति अतिथि थे, इसलिए यह बहुत उपयुक्त है कि 75वीं वर्षगांठ पर फिर से हमारे पास इंडोनेशिया है। यह भौगोलिक और सांस्कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक रूप से हमारे लिए बहुत करीबी देश है. मुझे यकीन है कि आज का दिन पूरे देश के लिए खुशी का दिन होगा।’

पीएम मोदी ने कही ये बात

भारत और इंडोनेशिया ने रक्षा विनिर्माण, समुद्री सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखलाओं में सहयोग पर विशेष ध्यान देते हुए अपने संबंधों में नई गति लाने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (26 जनवरी, 2025) को राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के साथ व्यापक चर्चा की। भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “रक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए हमने रक्षा विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों में मिलकर काम करने का फैसला किया है।” पीएम मोदी ने भारत के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति की यात्रा को “बेहद गर्व की बात” बताते हुए कहा, “हमने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी और डी-रेडिकलाइजेशन में सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला है।

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चीन को घेरने की तैयारी में भारत

आपको बता दें कि, भारत कई देशों को हथियार बेच रहा है। अब इस लिस्ट में इंडोनेशिया भी शामिल हो गया है। इंडोनेशिया को हथियार सप्लाई कर भारत चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है। इंडोनेशिया भारत का ब्रह्मास्त्र कही जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने जा रहा है, इसको लेकर दोनों देशों के बीच डील भी हो चुकी है। दरअसल, भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन (India China relation) के दबदबे को कम करने के लिए अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने में लगा हुआ है।

चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर क्या बोले पीएम मोदी?

समुद्री सुरक्षा और संरक्षा पर आज हस्ताक्षरित समझौते से अपराध रोकथाम, खोज और बचाव तथा क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में हमारा सहयोग बढ़ेगा।” इंडोनेशिया, जो आसियान का भागीदार है और हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच स्थित 17,000 से अधिक द्वीपों वाला एक द्वीपसमूह राष्ट्र है, भारत के लिए बहुत रणनीतिक महत्व रखता है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच मोदी ने कहा, “हम सहमत हैं कि नौवहन की स्वतंत्रता अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप सुनिश्चित की जानी चाहिए।” 

हजारों साल पुराने रिश्ते हैं भारत और इंडोनेशिया के बीच

भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध हजारों साल पुराने हैं। पीएम मोदी ने कहा, “रामायण और महाभारत से प्रेरित कहानियां और ‘बाली यात्रा’ हमारे दो महान देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के जीवंत प्रमाण हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि, बौद्ध बोरोबुदुर मंदिर के बाद भारत अब दक्षिणी जावा में 9वीं शताब्दी के प्रम्बानन हिंदू मंदिर के संरक्षण प्रयासों में योगदान देगा। 

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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो ने क्या कहा?

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा कि, उनकी सरकार भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को तेज करेगी और दीर्घकालिक सहयोग को प्राथमिकता देगी। दोनों नेताओं ने 2024 में 30 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के दोतरफा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि चर्चा बाजार पहुंच में सुधार और व्यापार टोकरी में विविधता लाने पर केंद्रित थी। नेताओं ने फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।

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