India News(इंडिया न्यूज),Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच लगभग पांच महीने से चल रहे युद्ध ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा रखी है। वहीं इस युद्ध में इजरायल का गाजा पर जोरदार हमला गाजा के लिए घातक साबित हुआ है। जिसके बाद कई दिनों से चल रहे युद्धविराम को लेकर बातों पर अब पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। जहां इजरायल ने गाजा संघर्ष विराम और बंधकों को रिहा कराने के संबंध में बातचीत करने के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल को काहिरा नहीं भेजने का फैसला लिया है।

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इजरायल की मांग

मिली जानकारी के अनुसार, इजरायल युद्धविराम के बदले हमास के सामने दो मांगे रखी जिसे मानने में हमास असफल रहा। जानकारी के लिए बता दें कि, पहली मांग यह थी कि इजरायल ने बंधकों की एक सूची मांगी थी, जिसमें हमास को बताना था कि कितने बंधक जीवित है और कितने मर गए। वहीं, दूसरी यह कि बंधकों के बदले में इजरायल की जेलों से रिहा होने वाले फलस्तीनी कैदियों के अनुपात की पुष्टि करना। जिसके बाद एक इजरायल अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया के साथ समन्वय में वार्ता में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है।

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अमेरिका की टूटी उम्मीद

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उम्मीद जताई थी कि सोमवार तक यानी आज इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम हो सकता है। उन्होंने माना था कि दोनों पक्ष छह सप्ताह के प्रस्तावित संघर्ष विराम समझौते के करीब हैं। हालांकि हमास के ढीले रवैया के कारण इस्राइल ने काहिरा में होने वाली वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही हमास का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को काहिरा पहुंच चुका है, उसने उम्मीद जताई थी कि बातचीत से दुश्मनी खत्म हो जाएगी। हालांकि, हमास के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने अभी तक इस बात का कोई जवाब नहीं दिया है कि क्या समूह ने इजरायल की शर्तों को संबोधित किया है।

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