होम / Israel-Palestine War: इस्राइल और हमास के बीच युद्ध जारी, एक मस्जिद से शुरू हुआ विवाद, जहां मुसलमान रोजाना पढ़ते हैं नमाज, इजरायली गार्ड करते हैं सुरक्षा, जानिए युद्ध की मुख्य वजह

Israel-Palestine War: इस्राइल और हमास के बीच युद्ध जारी, एक मस्जिद से शुरू हुआ विवाद, जहां मुसलमान रोजाना पढ़ते हैं नमाज, इजरायली गार्ड करते हैं सुरक्षा, जानिए युद्ध की मुख्य वजह

Shubham Pathak • LAST UPDATED : October 10, 2023, 3:42 am IST

India News (इंडिया न्यूज),Israel-Palestine War: इस्राइल पर हमास द्वारा किए जाने वाले युद्ध में अभी तक सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं कई लोगों को हमास के आतंकी ने बंधक बना लिया है। जिसके बाद तब फिलिस्तीन के आतंकी हमास का एक बयान सामने आया है कि, इजरायल और हमास के बीच इस समय युद्ध छिड़ गया है, जिसमें 1,000 लोग मारे गए। इस हमले में हमास ने शनिवार को इजरायल पर 5000 रॉकेट दागे। आतंकी समूह के लड़ाकों ने इजरायली नागरिकों और सैनिकों को भी बंधक बना लिया है। हमास का कहना है कि यह ऑपरेशन अल अक्सा स्टॉर्म है।

क्या है अल-अक्सा के पिछें की काली सच्चाई
(Israel-Palestine War)

चलिए आपको पहले इस पूरे कारनामे में अल-अक्सा के बारे में बताते है। अल-अक्सा पुराने येरूशलम के बीच में एक पहाड़ी पर स्थित है। जो कि यहूदी धर्मावलंबी आस्था के इस बड़े केंद्र को टेम्पल माउंट के रूप में जानते हैं। वहीं मुस्लिम अल-हरम अल-शरीफ या नोबल सैंक्चुअरी के रूप में जानते हैं। जिसके बाद आतंकी संगठन हमास ने हमलों के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, गाजा पट्टी से फ्लड यानी बाढ़ की शुरुआत हुई है।

लेकिन जल्द ही हमास के लोग इस्राइल के पश्चिम तट के साथ-साथ हर उस जगह जाएंगे जहां लड़ाई लड़ी जानी है। अंधाधुंध हमलों के कारण इस ऑपरेशन को हमास ने मस्जिद के नाम से जोड़ते हुए फ्लड यानी बाढ़ जैसा दिखाने की कोशिश की है। जानकारी के लिए बता दें कि, मुस्लिम धर्मावलंबियों के बीच अल अक्सा मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। अल-अक्सा पूरे परिसर को दिया गया नाम है।

अल-अक्सा पवित्र स्थानों का केंद्र

इस्लाम पर ईमान रखने वाले लोगों के बीच अल- अक्सा दो पवित्र स्थानों के कारण आस्था का केंद्र है। एक का नाम डोम ऑफ द रॉक है और परिसर के दूसरे केंद्र को अल-अक्सा मस्जिद या किबली मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। इतिहासकारों और धार्मिक मामलों के जानकारों का मानना है कि इस मस्जिद और परिसर को 8वीं शताब्दी AD में बनाया गया था। बता दें कि, अल-अक्सा परिसर लंबे समय से येरूशलम में संप्रभुता और धर्म के मामलों के कारण हिंसा का साक्षी बनता रहा है। लंबे समय तक “यथास्थिति” बरकरार रखने की व्यवस्था के तहत क्षेत्र पर शासन किया गया। इस्राइल का कहना है कि वह भौगोलिक सीमाओं या अल-अक्सा परिसर से जुड़े नियमों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करता। नियमों के अनुसार, अल-अक्सा परिसर में गैर-मुस्लिमों के जाने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन मस्जिद परिसर में नमाज अदा करने या किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति केवल मुसलमानों को दी गई है।

सुरंग के विरोध में लड़ाई
(Israel-Palestine War)

जानकारी के लिए बता दें कि, आज से 27 साल पहले हुई सुरंग के कारण युद्ध भी इस मामले में चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां अल-अक्सा आने वाले यहूदी धर्मावलंबी नियमों की खुलेआम विरोध करते रहे। इस्राइल पर परिसर में कमोबेश खुले तौर पर प्रार्थना करने वाले यहूदी और इस्लाम मानने वाले लोगों के बीच भेदभाव के गंभीर आरोप लगे हैं। मुस्लिमों पर लगाए गए कथित प्रतिबंध और अल-अक्सा परिसर में उनकी पहुंच पर इस्राइली प्रतिबंधों के कारण विरोध प्रदर्शन और हिंसा भड़कने की बात सामने आई है। 1996 में, अल-अक्सा मस्जिद परिसर के पास एक नई सुरंग का उद्घाटन किए जाने की बात भी सामने आई। फिलिस्तीनी जनता ने इस पहल को धार्मिक रूप से पवित्र जगह को अपवित्र करने के रूप में देखा। हिंसक झड़प में तीन दिनों में 80 से अधिक लोग मारे गए थे।

ये भी पढ़े 

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT