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इंदिरा गाँधी के हत्यारों का महिमांडन करने ऑस्ट्रेलिया में सड़कों पर उतरा खालिस्तान प्रेमी गैंग

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : January 10, 2023, 4:38 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : सिखों के लिए ‘खालिस्तान’ की मांग करने वाले अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की वजह से ऑस्ट्रेलिया में तनाव पैदा हो गया है। आपको बता दें, मेलबर्न की सड़कों पर खालिस्तानियों ने पोस्टर लगाकर इंदिरा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया है। जिसको लेकर वहां सिख और हिंदू समुदाय के बीच तनाव की स्थिति बन गई है। ज्ञात हो, मेलर्बन में ‘ऑस्ट्रेलियाई सिख नरसंहार जनमत संग्रह’ नाम से पिछले कई दिनों से कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत सरकार की ओर से SFJ के इन कार्यक्रमों को बैन करने की मांग भी की गई थी।

पाकिस्तानी वेबसाइट द न्यूज़.कॉम के मुताबिक,मेलबर्न में प्लंपटन गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तान जनमत संग्रह का एक पोस्टर लगाया गया। यह पोस्टर अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आपको बता दें, इस पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह की तस्वीरें भी थीं। मालूम हो, दोनों को साल 1989 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। पोस्टर में लिखा था, ”पंजाब को आजाद कराने की आखिरी लड़ाई। खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए 29 जनवरी को वोटिंग।”

खालिस्तान के समर्थन में लगे पोस्टर्स से हिंदू समुदाय आक्रोशित

इन पोस्टर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ऑस्ट्रेलिया में हिंदू समुदाय के लोग नाराज हो गए। आपको बता दें, हिंदू समुदाय ने एंथनी अल्बेन्स सरकार से 29 जनवरी को होने वाले जनमत संग्रह पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि हिंदू संगठन ने खालिस्तानी समर्थकों की ओर से लगाए गए पोस्टर फाड़े और उनको काले रंग से रंग दिया। जिसको लेकर खालिस्तानियों ने भी जवाबी हमला किया और ऑस्ट्रलिया के सड़कों पर खूब हंगामा काटा।

भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया को चेताया

जानकारी दें, भारत ने पिछले महीने ‘खालिस्तान रेफरेंडम’ वोटिंग को लेकर ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सामने जोरदार आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन ऑस्ट्रेलियन सरकार ने खालिस्तान रेफरेंडम अभियान और निर्धारित वोटिंग पर न तो कोई रोक लगाई और न ही इसके खिलाफ कुछ कार्रवाई की। भारत सरकार ने खालिस्तान जनमत संग्रह रैली की घोषणा के बाद ऑस्ट्रेलिया को देश में खालिस्तान कार्यकर्ताओं की बढ़ती उपस्थिति के बारे में भी चेताया था।

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