India News(इंडिया न्यूज), London: दुनिया में मौजूद लोगों के लिए अलग- अलग लोगों के अलग- अलग तौर तरीके हैं। अलग- अलग रीति-रिवाजों के शादीशुदा जोड़ों के लिए तलाक की प्रक्रिया अलग- अलग है। भारत एक ऐसा देश है, जहां लोगों को तलाक लेने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है, जबकि विदेशों में यह प्रक्रिया काफी आसान है। हाल में लंदन से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनने वाला काफी हैरान हो रहा है। दरअसल, यहां कोर्ट ने एक कपल का गलती से तलाक करा दिया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला..
लंदन के मिस्टर एंड मिसेज विलियम्स की शादी को 21 साल हो चुके हैं। इस कपल को एक दूसरे से तलाक लेना था वे अभी भी अपने सेपरेशन के लिए फाइनेंशियल एग्रीमेंट्स की व्यवस्था करने की प्रक्रिया में थे। लेकिन अदालत ने अब उनका तलाक करा दिया है। बताया गया है कि किसी और कपल के तलाक के फाइनल ऑर्डर के दौरान वरदाग के क्लर्क ने कंप्यूटर पर ड्रॉप डाउन मेन्यु से मिस्टर एंड मिसेज विलियम्स का नाम सलेक्ट कर दिया। इस प्रोसेस को टाइम लगने की जरूरत थी पर कोर्ट का एक गलती ने इसे अन्याय के घाट उतार दिया।
इस कपल की 21 सालों की शादी महज 21 दिनों में टूट गई। इस मामले पर जज ने फैसला सुनाते हुए इसे बदलने से इंकार कर दिया और कहा कि कोर्ट के फैसले पर जनता का विश्वास ज्यादा जरूरी है।
दूसरी ओर, वरदाग के प्रतिनिधि का कहना है कि फर्म के एक वकील ने एक जोड़े के लिए फाइनल डिवोर्स के लिए आवेदन करते हुए ऑनलाइन पोर्टल पर गलती कर दी, जिससे उनका तलाक हो गया। वरदाग को दो दिनों बाद इस बात का अहसास हुआ। उन्होंने हाई कोर्ट से फाइनल डिवोर्स के आदेश को रद्द करने के लिए कहा, तो इस रिजेक्ट कर दिया गया।
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आयशा वरदाग ने कोर्ट के फैसले को खराब बताते हुए कहा ‘राज्य को कंप्यूटर से जुड़ी गलती के आधार पर लोगों को तलाक नहीं देना चाहिए। जब किसी गलती को अदालत के ध्यान में लाया गया तो अदालत को समझना चाहिए था। इसका मतलब है कि, अभी के लिए हमारा कानून कहता है कि ऑनलाइन सिस्टम पर की गई गलती से आपका तलाक हो सकता है, यह सही नहीं है और ये न्याय नहीं है।’