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Middle East: मिडिल-ईस्ट से विमानों का जीपीएस सिग्नल हो रहा गायब, डीजीसीए ने जारी किया ये एडवाइजरी

Shubham Pathak • LAST UPDATED : November 25, 2023, 4:07 am IST
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Middle East:  मिडिल-ईस्ट से विमानों का जीपीएस सिग्नल हो रहा गायब, डीजीसीए ने जारी किया ये एडवाइजरी

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India News ( इंडिया न्यूज़ ),Middle East: मिडिल-ईस्ट में फ्लाइट्स में उड़ान भर रहे अरबों लोगों की जान खतरे में होने की खबर सामने आ रही है। जहां इस खतरे को देखते हुए डीजीसीए ने 24 नवबंर को एयरलाइंस और पायलटों को एक सर्कुलर जारी किया है। हाल के दिनों में आई कई रिपोर्टें की माने तो जब फ्लाइट्स मिडिल ईस्ट के कुछ हिस्सों में उड़ान भरती है तो उनका नेविगेशन सिस्टम प्रभावित होने लगता है। जो कि उड़ान भर रहे लोगों के लिए बढ़े खतरे के तौर पर है।

डीजीसीए ने जारी किया एडवाइजरी

वहीं इस प्रकार की खबर सामने आने के बाद इसको लेकर डीजीसीए ने एयरलाइंस को सचेत करते हुए एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कुछ फ्लाइट्स कभी-कभी मिडिल ईस्ट के कुछ हिस्सों में बिना सिग्नल के उड़ान भर रही हैं। जिसके बाद डीजीसीए ने कहा कि, “एविएशन इंडस्ट्री नए खतरों से जूझ रही है। नेविगेशन सिस्टम का जो खतरा सामने आया है उसे रोकने की कोशिश की जा रही है।

डीजीसीए ने दी ये जानकारी

इसके साथ ही नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में इस विषय पर मुख्य रुप से प्रकाश डालते हुए कहा कि, उसने हवाई क्षेत्र में जीएनएसएस हस्तक्षेप पर एक परिपत्र जारी किया है। जहां आमतौर पर, जीएनएसएस को जाम करने या छेड़छाड़ करने का तात्पर्य गलत सिग्नल देकर उपयोगकर्ता की नेविगेशन प्रणाली में हेरफेर की कोशिश करना है।

स्पूफिंग का शिकार हुआ था प्लेन

डीडीसीए की ओर से जारी सर्कुलर से मिली जानकारी के अनुसार बत दें कि, मिडिल ईस्ट से सभी फ्लाइट्स ऑपरेटरों और एएनएसपी भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण पर लागू है। वहीं सितंबर के अंत में ईरान के पास कई कॉमर्शियल उड़ानें का नेविगेशन सिस्टम बंद हो गया था। जिसके बाद एक फ्लाइट्स तो स्पूफिंग का शिकार हुआ जो बिना अनुमति के ईरानी हवाई क्षेत्र में एंट्री कर गया।

जानें कैसे काम करता है स्पूफिंग?

बता दें कि, मिडिल-ईस्ट के कुछ हिस्सों में उड़ान भरने वाले फ्लाइट्सों को पहले एक नकली जीपीएस सिग्नल मिलता है। यह सिग्नल फ्लाइट्स को भटका देता है, जहां इसे जाना होता है, ये उससे मीलों दूर ले जाता है। यह सिग्नल इतना मजबूत होता है कि वह हवाई जहाज के सिस्टम को प्रभावित कर देता है। इन सबके बीच सबसे चौकाने वाली खबर ये सामने आ रही है कि, ऐसा माना जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में युद्ध हो रहा है, वहां सैन्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की तैनाती के कारण जैमिंग और स्पूफिंग हो रही है।

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