इंडिया न्यूज।
Mona Lisa is the Worlds Most Expensive and Popular Painting : मोना लिसा का मतलब माई लेडी होता है। यह न केवल एक पेंटिंग है बल्कि अपने आप में एक रहस्य भी है। ‘मोना लिसा’ को दुनिया की सबसे रहस्यमयी, महंगी और चर्चित पेंटिंग माना जाता है। इस पेंटिंग के बारे में अब तक सबसे ज्यादा लिखा, पढ़ा और रिसर्च किया जा चुका है। कहते हैं इस पेंटिंग को करीब 500 साल पहले मशहूर पेंटर लिओनार्दो डॉक्टर विन्ची ने बनाया था। उन्होंने यह पेंटिंग 1503 में बनाना शुरू किया और 14 साल बाद यह पेंटिंग बनकर तैयार हुई। क्या मोनालिसा लिओनार्दो डाक्टर विंची की कल्पना से उपजा चेहरा है या ऐसी महिला सचमुच में अस्तित्व में थी। पूरे दावे के साथ इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इस बारे में एक अनार सौ बीमार की मानिंद अनेक किस्से हैं। आइए आपको इस पेंटिंग के कुछ कारण ऐसे बताते हैं जो ज्यादा रहस्यमयी और चर्चित मानी जाती है।
इस पेंटिंग को बनाने में लिओनार्दो डाक्टर विन्ची को 14 साल लग गए थे। उन्होंने 1503 में इसे बनाना शुरू किया और 1517 में इसे पूरा किया। इस पेंटिंग को बनाने के लिए 30 से भी ज्यादा लेयर्स का इस्तेमाल किया गया था। इसमें से कुछ इंसानी बाल से भी बारीक थी। पेटिंग देखने में बड़ी लगती है लेकिन यह काफी छोटी है। यह 30 बाई 21 इंच की है और इसका भार 8 किलोग्राम है। इसे पेपर व कैंवस पर नहीं पॉपुलर की लकड़ी पर oil पेंट के साथ बनाया गया था।
मोना लिसा कौन है, महिला है, यह आज भी रहस्य है। लिओनार्दो डाक्टर विन्ची पेंटर होने के साथ एक लेखक भी थे, लेकिन उन्होंने कभी भी इस पेंटिंग के बारे में कुछ नहीं लिखा। ना कभी बताया है कि यह महिला कौन है, जिसकी यह पेंटिंग बनाई गई है। रिसर्च का मानना है कि यह पेंटिंग लिस घेरार्दिनी की है जो कि फ्लोरंस की इटालियन की महिला है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस पेंटिंग में उन्होंने खुद को एक औरत के रूप में बनाया था।
इस तस्वीर की सबसे बड़ी खासियत है, इसकी मुस्कान। इसप् ार अब तक कई शोध किए जा चुके हैं। मोना लिसा पेंटिंग में बने चेहरे की मुस्कान हर कोने से अलग ही एंगल में दिखाई देती है। पहले यह काफी ज्यादा दिखाई देती है, फिर धीरे-धीरे यह फीकी पड़ने लगती है। आखिर में तो यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है। मोनालिसा के सिर्फ होंठ बनाने के लिए लिओनार्दो डाक्टर विन्ची को 12 साल लगे थे।
फ्रेंस के एक आर्टिस्ट ने 23 जून 1852 को पेरिस के होटल की छत से कूद कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी। कहते हैं कि वह मोना लिसा की रहस्यमय मुस्कान व सुंदरता के लिए पागल था। उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह मोनालिसा के प्यार में पागल है। इतना ही नहीं म्यूजियम में इस पेटिंग को कई लव लेटर, फ्लावर भी मिलते हैं। मोनालिसा के प्यार में पागल लोग इसके आगे अपने लव लेटर छोड़ कर जाते हैं।
यह पेंटिंग शुरू से बहुत ज्यादा प्रसिद्धी नहीं थी। इसे प्रसिद्ध तब मिली जब रिस लुब म्यूजियम पेरिस से यह चोरी हो गई। 21 अगस्त 1911 को इतने बड़े म्यूजियम से पेंटिंग का चोरी हो जाना बड़ी बात थी। इसके चोरी होने के बाद पहला शक पेंटर पाब्लो पिकासो पर गया था, लेकिन उनसे पूछताछ के बाद यह इल्जाम उन पर से हटा दिया गया था। काफी खोज के बाद पता चला कि इसे म्यूजियम के ही एक कर्मचारी विन्सेन्जो पेरुगिया ने चोरी किया था। वह इस पेंटिंग को वापिस इटली लेकर जाना चाहते थे। उनका मानना था कि यह इटली की धरोहर है। इटली में कुछ समय रखने के बाद इसे वापिस म्यूजियम में रख दिया गया था। वहीं विन्सेनजो को इसके लिए छह माह की सजा दी गई थी, लेकिन इटली के लोगों उन्हें इसके लिए देश भक्त मानते थे।
जब दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था, तब मोना लिसा की पेंटिंग को छह बार अपनी जगह से बदला गया है। ताकि यह जर्मन लोगों के हाथ न लग जाए। इस पेंटिंग को नुकसान पहुंचाने के लिए कई बार कोशिश हो चुकी है। एक बार 1956 में एक टूरिस्ट ने इस पर पत्थर फेंका था, जिससे इसकी बाएं बाजू पर निशान पड़ गया, बाद इसे ठीक कर दिया गया। इतना ही नही एक व्यक्ति ने इस पर एसिड फेंक दिया था। उसके बाद इसे बुलेट फ्रूफ फ्रेम में रखा गया। वहीं एक महिला ने इस पर लाल स्प्रे छिड़क दिया था।
माना जाता है लिओनार्दो डाक्टर विन्ची के ही एक छात्र फ्रेंसिस्को मेल्जी ने इसकी जुड़वा पेंटिंग बनाई थी। यह स्पेन की राजधानी मैड्रिड के म्यूसेओ दे प्रादों में रखी गई है। 1514-1516 के बीच उनके ही एक स्टूडेंट ने मोना लिसा का एक न्यूड वर्जन भी बनाया था। जिसकी हाथों व बॉडी की पोजीशन असली पेंटिंग की तरह ही है। इसे मोन्ना वान्ना कहा जाता है। कहा जाता है कि शायद यह पेंटिंग भी लियो ने ही बनाई थी।
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