Pakistan Parliament Viral Video: पाकिस्तानी हर मामले में धर्म का हवाला देते हैं, लेकिन बेईमानी और धोखा उनकी रग-रग में बसा है. इसका जीता-जागता सबूत पाकिस्तानी संसद में देखने को मिला, जब स्पीकर ने सदस्यों से खोए हुए पैसों के बारे में पूछा कि यह किसका पैसा है. यह घटना पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (संसद) में हुई, जहां स्पीकर ने खोए हुए पैसों को लेकर ईमानदारी का टेस्ट करने का फैसला किया. उन्होंने नोट दिखाते हुए पूछा कि क्या किसी का यह पैसा खो गया है?
नोट देखते ही खड़े हो गए 10 से 12 हाथ
पाकिस्तानी संसद में इसके बाद जो हुआ, उसने उन लोगों के पाखंड को उजागर कर दिया जो खुद को ईमानदार बताते हैं. जैसे ही स्पीकर ने नोट दिखाए, 10-12 हाथ ऊपर उठ गए. सोमवार के संसदीय सत्र के दौरान, स्पीकर अयाज सादिक को असेंबली फ्लोर पर लगभग 16-17 हज़ार रुपये मिले. उन्होंने सदस्यों से पूछा कि यह किसका पैसा है, लेकिन उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि इतने सारे लोग हाथ उठा देंगे.
पाकिस्तान में खुद को ईमानदार बताने वालों की बेईमानी देखिए
स्पीकर ने हवा में नोट लहराते हुए पूछा कि यह किसका पैसा है? जिसका भी है, कृपया हाथ ऊपर करें. इसके बाद जो हुआ, उससे वह हैरान रह गए, क्योंकि पलक झपकते ही 12-13 सदस्यों ने पैसे पर दावा करते हुए हाथ ऊपर कर दिए. फिर स्पीकर ने मज़ाक में कहा कि 10-12 हाथ ऊपर हो गए हैं. इतने सारे लोगों के दावा करने के लिए इतना पैसा नहीं है. ऐसा लगता है कि पूरे सदन ने हाथ ऊपर कर दिए हैं. जिसने भी यह मुझे दिया, उसका धन्यवाद. इस घटना का मज़ेदार वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कई पाकिस्तानी अपने ही सांसदों का मज़ाक उड़ा रहे हैं और उनकी ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं.
किसका था पैसा?
पाकिस्तान के आज टीवी ने बताया कि यह पैसा इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के सदस्य मुहम्मद इकबाल अफरीदी का था, और खोया हुआ पैसा उन्हें लौटा दिया गया है. जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पाकिस्तानियों ने अपने सांसदों की आलोचना करना शुरू कर दिया. लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि पैसे लेने के लिए हाथ उठाने वाले 10-12 सांसदों को संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए संसद से निकाल देना चाहिए। महनूर आसिफ नाम के एक यूजर ने कहा कि स्पीकर ने शरीफ भाइयों के 25 कॉल मिस कर दिए. हालांकि, कुछ लोग इस घटना से हैरान नहीं थे. एक और यूजर ने कहा कि उन्हें लाखों में सैलरी और भत्ते मिलते हैं, फिर भी वे ऐसा व्यवहार करते हैं.