India News (इंडिया न्यूज), International Arms Market: भारत ने रक्षा निर्यात के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है और इस दिशा में देश की स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही है। रक्षा मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 की दूसरी तिमाही में भारत का रक्षा निर्यात 77 प्रतिशत बढ़कर 11,233 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल इसी अवधि में यह केवल 6,342 करोड़ रुपये था, जो इस वृद्धि को और स्पष्ट करता है। इसके अलावा, भारत ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, वह यह कि देश वर्तमान में 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। यह आंकड़ा भारत की बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय ताकत को दर्शाता है और आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के प्रयासों का परिणाम है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत का रक्षा क्षेत्र अब वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सिद्धांत है।
अगर पिछले 10 वर्षों की बात करें तो भारत के रक्षा निर्यात में लगभग 10 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 में भारत ने मात्र 1,941 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात किए थे, जो अब वर्ष 2023-24 में बढ़कर 21,083 करोड़ रुपये हो गए हैं। यह वृद्धि भारत द्वारा रक्षा उत्पादन में सुधार तथा वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयासों का परिणाम है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारत का रक्षा निर्यात लगातार बढ़ रहा है तथा यह वृद्धि स्पष्ट करती है कि आने वाले समय में भारत का नाम भी विश्व के प्रमुख रक्षा निर्यातक देशों की सूची में शामिल हो सकता है। वर्तमान में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन तथा जर्मनी ऐसे देश हैं, जो वैश्विक रक्षा निर्यात का 76 प्रतिशत आपूर्ति करते हैं।
International Arms Market (अंतर्राष्ट्रीय हथियार बाजार में भारत का स्थान)
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वर्ष 2018-2022 के दौरान अमेरिका सबसे बड़ा रक्षा निर्यातक देश बना रहा, जिसके बाद रूस तथा फ्रांस का स्थान है। हालांकि भारत अभी वैश्विक रक्षा निर्यातक देशों की शीर्ष 10 सूची में शामिल नहीं है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में रक्षा निर्यात के आंकड़ों ने यह साबित कर दिया है कि, भारत इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो भारत बहुत जल्द इस सूची में अपनी जगह बना सकता है। भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के सकारात्मक परिणाम रक्षा क्षेत्र में भी दिखने लगे हैं।
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देश ने आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए कई प्रमुख रक्षा उपकरणों का स्वदेशी उत्पादन शुरू कर दिया है। नतीजतन, न केवल घरेलू बाजार में रक्षा उत्पादों की उपलब्धता बढ़ी है, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी है। इस वृद्धि के पीछे भारतीय रक्षा कंपनियों के निरंतर प्रयास और सरकार की नीतियों का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत ने उन्नत तकनीकी उपकरणों और मिसाइल प्रणालियों जैसे अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों का निर्माण किया है, जो न केवल देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में भी मदद कर रहे हैं।
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