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India News (इंडिया न्यूज), Russia Captured 800 Foreign planes: रूस ने जब यूक्रेन पर आक्रमण किया तो दुनिया के कई देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिंन रूस भी कहाँ पीछे रहने वाला था। उन्होंने उस वक्त रूस में मौजूद पश्चिमी देशों की कई एयरलाइन्स कंपनियों के विमानों पर कब्जा कर लिया। अब इन विमानों को लीज पर देने वाली कंपनियों ने अपने हवाई जहाजों को लेकर अरबों डॉलर के इंश्योरेंस के दावे कर दिए, मगर बीमा कंपनियां इन्हें टालती रहीं। क्योंकि ये रकम उनकी औकात से बाहर की राशि है ,जिसे दे पाना किसी भी बीमा कंपनियों के लिए आसान नहीं है।
इसके बाद एयरप्लेन बनाने वाली कंपनियों के वकीलों ने लंदन में शुरू हुए एक मुकदमे में आरोप लगाया कि बीमा कंपनियां लगातार क्लेम को टालने की कोशिश कर रही हैं। दुनिया की टॉप विमान लीज पर देने वाली कंपनियों में से एक AerCap Holdings NV सहित कई कंपनियों ने AIG और Lloyd’s जैसी बीमा कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
Russia Captured 800 Foreign planes ( रूस ने 800 विदेशी विमानों को किया कब्जा )
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, लगभग 800 विदेशी विमानों को रूस ने अपने खुद के विमान रजिस्टर में ट्रांसफर करा लिया। उसने ऐसा ऐसे में समय में किया है, जब इन विमानों की लीज की अवधि समाप्त होने वाली थी। हम आपको बताते चले कि, AerCap ने शुरुआत में $3.4 बिलियन (लगभग ₹28,200 करोड़) का दावा किया था, फिर बाद में समझौते के बाद घटकर $2 बिलियन (लगभग ₹16,600 करोड़) रह गया। बुधवार (2 अक्टूबर, 2024) को अदालत में पेश किए गए डॉक्युमेंट से पता चलता है कि, अन्य कंपनियों के दावे भी करोड़ों डॉलर (हजारों करोड़ रुपये) में हैं।
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इस केस की सुनवाई के दौरान बीमा कंपनियों ने पहले यह तर्क दिया था कि विमान खोए हुए नहीं हैं, क्योंकि रूसी एयरलाइंस अभी भी उनका इस्तेमाल कर रही हैं। इसके अलावा, पॉलिसी में मौजूद विशेष शर्तें कवरेज को नकारती है। अभी भी रूस में AerCap के 141 विमानों और 29 इंडिपेंडेंट विमान इंजनों में से 116 विमान और 15 इंजन हैं और उन्हें Aeroflot सहित 15 एयरलाइंस द्वारा उपयोग किया जा रहा है, जो रूस की सबसे बड़ी एयरलाइन है।
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अदालत में AerCap के वकील मार्क हावर्ड ने कहा, “ सच्चाई यह है कि विमान और इंजन खो चुके हैं, जो काफी समय से स्पष्ट है।” AerCap, Lloyd’s और AIG के स्पोक्सपर्सन ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि यह मुकदमा दिसंबर तक चलने की उम्मीद है और इसका फैसला आने में कुछ महीनों का समय लग सकता है। फ्लैडगेट लॉ फर्म के साझेदार गारबैन शैंक्स ने कहा, “ये जटिल और कठिन संघर्ष वाले दावे हैं, जहां दांव बहुत ऊंचे हैं और इनका लॉन्ग टर्म में प्रभाव भी बड़ा हो सकता है।” हम आपको बता दें कि 2022 में, फिच रेटिंग्स ने रूस द्वारा कब्जाए गए विमानों की कुल इंश्योरेंस वैल्यू 13 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1 लाख करोड़) आंकी थी।
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