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इंडिया न्यूज, बुडापेस्ट (Russia Nuclear Plants): रूस की परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम द्वारा जल्द ही हंगरी में 2 परमाणु रिएक्टरों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हंगरी ने घोषणा की है कि 2 परमाणु रिएक्टरों की परियोजना 12.5 बिलियन यूरो की है। यूक्रेन में युद्ध ने बुडापेस्ट के बाहर पाक्स संयंत्र में पहले से चल रहे 4 रिएक्टरों को जोड़ने की परियोजना में हंगरी की रुचि को कम नहीं किया है। बल्कि यह परियोजना आगे बढ़ रही है।
राष्ट्रीय नियामक द्वारा परमिट जारी करने के बाद हंगरी के विदेश मंत्री, पीटर स्जिÞजार्तो ने फेसबुक पर कहा कि यह एक बड़ा कदम है, जोकि आगे जाकर महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। जानकारी के लिए बता दें कि रूस और हंगरी के बीच 2014 में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की डील हुई थी। इसी डील के तहत रॉसाटॉम यह परियोजना क्रियान्वित करेगी। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बावजूद हंगरी ने रूस के परमाणु ऊर्जा उद्योग पर अभी प्रतिबंध नहीं लगाया है। यह मौजूदा पाक्स परमाणु संयंत्र को विस्तार करेगा।
हंगरी के विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि यह यथार्थवादी था कि रिएक्टर 2030 तक सेवा में प्रवेश कर सकते हैं। बुडापेस्ट के दक्षिण में 60 मील (100 किमी) पाक में दो 1,200टह रिएक्टर बनाने का 2014 का सौदा, संयंत्र की क्षमता को दोगुना से अधिक करेगा। हंगरी के साम्यवादी काल में 1980 के दशक में सोवियत युग की तकनीक के साथ निर्मित, यह संयंत्र देश की एकमात्र परमाणु सुविधा है और इसकी बिजली की जरूरतों का लगभग 40% प्रदान करता है।
बता दें कि यूरोपीय संघ के सदस्य फिनलैंड ने रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण मई में इसी तरह की रूसी परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना को रद्द कर दिया था। हंगरी ने रूस को अलग-थलग करने और उस पर प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ के प्रयासों को विफल कर दिया है। जबकि इसके यूरोपीय संघ के भागीदार रूसी तेल और गैस से खुद को जल्दी से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, हंगरी ने अपवाद प्राप्त किए हैं और प्राकृतिक गैस की अतिरिक्त डिलीवरी पर बातचीत की है।
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