संबंधित खबरें
PM Modi के मजबूत नेतृत्व के सामने झुकी अमेरिका, बदलना पड़ा ये कानून, मुंह ताकते रह गए जिनपिंग-शहबाज
न अमेरिका, न यूरोप, 1 टीवी शो की वजह से रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ गई जंग, वो एक्टर जो आगे चलकर बना राष्ट्रपति और बर्बाद कर दिया अपना देश
दुश्मनों के बदले अपने ही लड़ाकू विमान पर दाग दिया गोला, अब दुनिया में बन रहा है मजाक, जाने जेट पायलटों का क्या हुआ हाल?
यूक्रेन ने युद्ध के मैदान में उतारी रोबोट सेना, रूसी सेना के खिलाफ दर्ज की पहली जीत, पुतिन की बढ़ गई सांसे
ट्रंप की दबंगई की चालू, चीन और यूरोपीय देशों के बाद इस देश को दे डाली धमकी, दुनिया भर में मची हड़कंप
'किसी भी तरह की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं…' जिसने दिया खाने को रोटी, पाकिस्तान उसी देश को दिखा रहा आंख
India News (इंडिया न्यूज़), Sudan Civil War: अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के मुताबिक सूडान में अकाल ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुका है। हर दिन बच्चे भूख से मर रहे हैं। गृहयुद्ध की वजह से हालात और खराब होते जा रहे हैं। नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल, डेनिश रिफ्यूजी काउंसिल और मर्सी कॉर्प्स ने सूडान के हालात पर एक संयुक्त बयान जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि कैसे सूडान के लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। फिर भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय खामोश है। यह बहस इस बात पर उलझी हुई है कि सूडान के संकट को अकाल माना जाए या नहीं। 2.5 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर सूडान की आधी से ज्यादा आबादी भुखमरी की कगार पर है।
नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के मुताबिक सूडान के 2.5 करोड़ से ज्यादा लोग खाद्य संकट से गुजर रहे हैं। बच्चों के लिए दूध जैसी जरूरी चीजें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। खाद्य संकट पर संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक रिपोर्ट में भी सूडान के अकाल का जिक्र है। संयुक्त राष्ट्र के कृषि संगठन की मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमा टोरेरा के मुताबिक अकाल के मापदंडों के 5 चरण हैं। पांचवां सबसे खतरनाक है। इस समय दुनिया भर में 7 लाख से ज्यादा लोग इस चरण में हैं। सूडान में इनकी संख्या काफी ज्यादा है।
किसी भी देश को अकालग्रस्त घोषित करने के लिए जरूरी है कि वहां हर दिन 10 हजार में से चार बच्चे मरें या एक तिहाई से ज्यादा आबादी कुपोषित हो। यह अंतरराष्ट्रीय मापदंड है। लेकिन गृहयुद्ध से जूझ रहे सूडान में यह तय करना बहुत मुश्किल है। यहां न तो मानवीय संगठन पहुंच पा रहे हैं और न ही दूसरी एजेंसियां।
बांग्लादेश की इस इस्लामिक पार्टी से चीनी राजदूत ने की मुलाकात, जो भारत से करता है नफरत
सूडान करीब डेढ़ साल से गृहयुद्ध से जूझ रहा है। गृहयुद्ध की शुरुआत अप्रैल 2023 में हुई थी। सूडान के दो बड़े सैन्य संगठन- सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) सत्ता पर कब्जा करने के लिए आपस में भिड़ गए। पहले दोनों के बीच राजधानी में झड़प हुई। फिर यह भीषण लड़ाई में बदल गई और गृहयुद्ध का रूप ले लिया। ग्लोबल कॉन्फ्लिक्ट ट्रैकर की एक रिपोर्ट के मुताबिक गृहयुद्ध के चलते सूडान से करीब 20 लाख लोग अपना घर छोड़कर इथियोपिया, साउथ सूडान और चाड जैसे पड़ोसी देशों में शरण लिए हुए हैं।
अफ्रीका में सूडान अकेला ऐसा देश नहीं है, जो खराब हालत में है। सोमालिया, माली, हैती, बुक्रीना फासो जैसे देश भूखमरी और अकाल की चपेट में हैं। नामीबिया में तो खाद्यान्न संकट इतना गहरा गया है कि लोगों को खाना खिलाने के लिए हाथी जैसे बड़े जानवरों को मारने की तैयारी शुरू हो गई है। ताकि उनका मांस लोगों में बांटा जा सके।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.