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India News (इंडिया न्यूज), Syria Civil War: मध्य पूर्व में शांति की उम्मीद करना अभी भी मुश्किल है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम के बाद अब सीरिया में गृह युद्ध छिड़ गया है। बता दें कि, सीरिया के अलेप्पो पर विद्रोहियों का कब्जा राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। विद्रोहियों के नेतृत्व में हुए एक बड़े हमले में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं। इस बीच रूस ने इस संघर्ष में असद सरकार का समर्थन किया है, जिससे अलेप्पो में स्थिति और खराब हो गई है। रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसकी वायु सेना ने सीरिया की सेना के समर्थन में सीरियाई विद्रोहियों पर हमला किया है।
बता दें कि, विद्रोहियों ने अलेप्पो हवाई अड्डे और इदलिब प्रांत के मरात अल-नुमान शहर पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। हयात तहरीर अल-शाम (HTS) विद्रोहियों ने अलेप्पो और उसके आसपास बड़े हमले किए हैं। इस संघर्ष और बमबारी के कारण नागरिकों और सैनिकों सहित 300 से अधिक लोग मारे गए हैं। स्थिति मानवीय संकट में बदल गई है और हजारों लोग पलायन कर गए हैं। दरअसल, हयात तहरीर अल-शाम को अमेरिका, रूस, तुर्की और अन्य देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। वहीं विद्रोही हमलों ने सीरियाई सेना को फिर से तैनात करने पर मजबूर कर दिया। सेना ने विद्रोही हमलों को अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया। रूस की वायु सेना ने विद्रोहियों के खिलाफ हमले तेज कर दिए, इदलिब और अलेप्पो प्रांत में कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।
दरअसल, संघर्ष में सीरियाई सेना के दर्जनों सैनिक मारे गए और रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 300 विद्रोही लड़ाके भी मारे गए हैं। शहर के अंदर विद्रोही विरोध प्रदर्शन और सेना के जवाबी हमलों ने भारी तबाही मचाई है। बता दें कि, व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कहा कि असद सरकार के राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने से इनकार और रूस-ईरान पर निर्भरता ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। वहीं रूस और तुर्की के विदेश मंत्रियों ने सीरिया की स्थिति पर चर्चा की और इसे स्थिर करने के लिए संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। इसके अलावा ईरान ने इस संघर्ष को क्षेत्र को अस्थिर करने की इजरायल-अमेरिकी साजिश बताया।
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