संबंधित खबरें
टैक्सी में हत्यारे ने कबूला जुर्म, ड्राइवर ने गोलमोल बातों में घुमा कर पुलिस को किया फोन, फिर जो हुआ…कातिल रह गया सन्न
रूस के जिस ब्रह्मास्त्र से डरकर दुबक रहा है यूक्रेन, 28 साल पहले तानाशाह को किया सरेंडर, भयंकर गलती या मजबूरी?
अमेरिका का ये पावरफुल दोस्त Netanyahu को करेगा गिरफ्तार! दुनिया के सबसे ताकतवर देश में क्यों मची हलचल?
कैसे 'सेक्स टूरिज्म' का हब बन गया ये हाईटेक शहर? हालत देखकर पूरी दुनिया को आ गया तरस
क्या इस जगह फटने वाला है परमाणु बम? अपना घर छोड़कर भाग रहे हैं 'बड़े लोग', भारत के दोस्त का ठनका माथा
दुनिया से छुपाई जा रही World War 3 की असलियत? यहां चल रहा है मौत का भयानक तांडव, अंदर के इस आदमी ने किया खुलासा
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Ganesh Utsav: हर साल, हिंदू कैलेंडर के भाद्र मास या भादो महीने के दौरान, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त-सितंबर की अवधि के साथ, गणेश चतुर्थी (Ganesh Utsav) का त्योहार पूरे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। उत्सव, जो पारंपरिक रूप से और लोकप्रिय रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, गोवा व अन्य भारतीय राज्यों में मनाया जाता है, कनाडा, मॉरीशस, सिंगापुर, बर्मा, यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में विदेशों में बसे भारतीय आबादी के बीच भी एक आकर्षण रहा है। हालांकि, 18 सितंबर को, बर्लिन की सड़कें उज्ज्वल और सुंदर थीं, क्योंकि जर्मनी में रहने वाले भारतीयों ने घर से दूर गणपति बप्पा को अलविदा कह दिया था।
गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) का आयोजन बर्लिन के हसनहाइड में स्थित एक गणेश मंदिर द्वारा किया गया था, जिसका निर्माण बर्लिन के मध्य में भारतीय समुदाय के प्रयासों से हो गया है। हैदराबाद की रहने वाली गिलियन वुडमैन, जो पर्यावरण प्रबंधन का अध्ययन करने के लिए जर्मनी चली गईं हैं, उन्होंने इस आयोजन के बारे में अपने उत्साह को साझा करते कहा कि “यह बहुत उत्साहिक था। एक साल से अधिक समय के लॉकडाउन और प्रतिबंधों के बाद, इतने सारे लोगों को आनंद लेते देखना अद्भुत था।” उसने कहा, “सबसे बड़ी बात है कि यह एक बहुत अच्छी तरह से आयोजित कार्यक्रम था … इस तरह के आयोजन की कभी उम्मीद नहीं थी।” विसर्जन समारोह में लगभग 300 लोगों ने भाग लिया।
गिलियन ने आगे कहा, “मेरे एक दोस्त जो बर्लिन के रहने वाले हैं, उन्होंने मुझे बताया कि ढोल की आवाज ने माहौल को पूरी तरह से बदल दिया है।”
जानकारी के अनुसार, मराठी मित्र बर्लिन, वहां स्थित एक संगठन जिसने जर्मनी को पिछले वर्ष के समारोहों में ढोल प्रदर्शन के लिए पेश किया, इस वर्ष महिला लेजिÞम पाठक (कलाकार) को लाया गया। लेजिÞम या लेजिÞयम महाराष्ट्र का एक पारंपरिक लोक नृत्य है।
Must Read:- भेदभाव व घृणा को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ खड़े हों लोग
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.