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India News ( इंडिया न्यूज़ ): (UK court rules Rwanda deportation plan unlawful) एक ब्रिटिश अदालत ने फैसला सुनाया है कि शरण चाहने वालों को रवांडा में निर्वासित करने की सरकार की विवादास्पद योजना गैरकानूनी है क्योंकि अफ्रीकी राष्ट्र को शरणार्थीयों के लिए एक सुरक्षित देश नहीं माना जा सकता है। यह प्रधान मंत्री ऋषि सुनक के लिए एक बड़ा झटका है। क्योंकी उन्होने अवैध प्रवासी जो की छोटी नावों में चैनल को पार कर ब्रिटेन में आ जाते है, इसे रोकने के लिए पीएम सुनक ने प्रतिज्ञा ली थी। न्यायालय के तीन न्यायाधीशों ने गुरुवार को कहा कि “शरण चाहने वालों को रवांडा में हटाना” “गैरकानूनी” होगा। रिपोर्ट के अनुसार 2022 में चैनल के पार 45,000 से अधिक लोग ब्रिटेन पहुंचे, और इस प्रयास में कई लोगों की मृत्यु हो गई।
बता दे ब्रिटेन में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने वाले प्रवासियों का मुद्दा खासा बड़ा है। इसे लेकर ब्रिटेन सरकार संसद में एक आप्रवासी नीति विधेयक भी लेकर जिसकी खूब आलोचना हुई। अपीली अदालत के तीन न्यायाधीशों ने कहा कि रवांडा को सुरक्षित तीसरा देश नहीं माना जा सकता है जहां प्रवासियों को भेजा जा सकता है। वहीं सरकार द्वारा ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती देने की संभावना है।
आप्रवासी नीति विधेयक के जरिए शरणार्थियों या अवैध तरीके से समुद्र के जरिए आने वालों को रोकने की बात की जा रही है। ऐसे लोगों को या तो आने नहीं दिया जाएगा और जो किसी तरह से पहुंच भी गए उन्हें हिरासत में लेकर वापस रवांडा जैसे देशों में भेज दिया जाएगा, जिनके साथ ब्रिटिश सरकार ने व्यवस्था की है कि वे ऐसे लोगों को अपने यहां बसा लेंगे। ब्रिटेन ने समझौते के तहत रवांडा को पहले ही 140 मिलियन पाउंड (170 मिलियन डॉलर) का भुगतान कर दिया है, लेकिन अभी तक वहां किसी को निर्वासित नहीं किया गया है।
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