India News(इंडिया न्यूज),UK: ब्रिटेन से एक अजीबोगरीब खबर सामने आ रही है जहां जारी एक रिपोर्ट के अनुसार अपराधी जैसे की हत्यारे, बलात्कारी, पीडोफाइल और ड्रग डीलर ब्रिटेन में विदेशी अपराधियों में से हैं, जो ईसाई धर्म में परिवर्तित होने का दावा करके अपनी जेल की सजा के अंत में निर्वासन से बच गए हैं। इसके साथ ही विदेशी नागरिकों ने शरण न्यायाधिकरणों में दावा किया है कि, यदि उनके कथित “धर्मांतरण” के कारण उन्हें निर्वासित किया गया तो उन्हें उनके गृह देशों में प्रताड़ित किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि, ब्रिटेन के कानून के तहत गृह सचिव को ब्रिटेन में जेल की सजा पाए विदेशी अपराधियों को कम से कम 12 महीने के लिए निर्वासित करना होगा। लेकिन मानवाधिकारों पर यूरोपीय कन्वेंशन वहां निष्कासन को रोकता है जहां यह मानने का आधार हो कि निर्वासित होने पर उन्हें यातना या अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ेगा।
वहीं इस मामले में यूके की मीडिये से मिली जानकारी के अनुसार, 2018 के बाद से हजारों अपर ट्रिब्यूनल शरण निर्णयों का विश्लेषण किया है और ऐसे कई मामले पाए हैं जहां ईसाई धर्मांतरण न्यायाधीशों को निर्वासन को रोकने के लिए मना रहे हैं। टाइम्स ने कहा कि एक मामले में ब्रिटेन में अपनी पत्नी की हत्या का दोषी एक बांग्लादेशी व्यक्ति 12 साल जेल की सजा काटने के बाद यह दावा करके निर्वासित होने से बच गया कि उसने ईसाई धर्म अपना लिया है और बांग्लादेश में उसे खतरा होगा।
वहीं एक अन्य मामले में गंभीर हमले के आरोप में कैद एक ईरानी निर्वासन से बच गया क्योंकि उसने अपनी बाहों को ईसाई छवियों के टैटू से ढक लिया था, हालांकि न्यायाधीश को यकीन नहीं था कि वह एक ईसाई धर्मांतरित था। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि ईरानी अधिकारी सोचेंगे कि वह एक धर्मांतरित था। यौन उत्पीड़न के आरोप में सज़ा काटने वाले एक अन्य ईरानी को ब्रिटेन में रहने की अनुमति दी गई क्योंकि उसके पास क्रॉस का टैटू था।
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