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Karnataka: कन्नड़ भाषा को लेकर हो रहे विवाद ने पकड़ी तूल, सीएम सिद्धारमैया ने किया ये वादा

Shubham Pathak • LAST UPDATED : December 29, 2023, 4:31 am IST

India News(इंडिया न्यूज),Karnataka: कर्नाटक में इन दिनों कन्नड़ भाषा को लेकर चल रहे विवाद में जबरदस्त गर्माहट देखने को मिल रही है। वहीं इस मामले को लेकर सीएम सिद्धारमैया ने कर्नाटक की जनता को वादा करते हुए जल्द अध्यादेश पारित करने का वादा किया है। जिसके बार में सीएम ने गुरुवार कहा कि, कर्नाटक जल्द ही एक अध्यादेश पारित करेगा जिसमें सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को कम से कम 60% कन्नड़ साइनेज वाले साइनबोर्ड और नेम प्लेट का उपयोग करने का निर्देश दिया जाएगा। उन्होंने भाषा के उस मुद्दे को भी तूल दे दिया है, जिसके कारण आए दिन एक हाशिए पर रहने वाले समूह द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाता है।

हिंसा पर सीएम ने जताया दुख

वहीं इस मामले मे सीएम ने सक्रियता दिखाते हुए बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) और कन्नड़ और संस्कृति विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की जिसके साथ ही सीएम सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में दुकानों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की निंदा करते हुए कहा कि, नया अध्यादेश 28 फरवरी, 2024 तक लागू होगा। बीबीएमपी और संस्कृति विभाग के अधिकारियों को एक अध्यादेश पारित करने और सभी नेमप्लेट पर 60% कन्नड़ नियम लागू करने का निर्देश दिया। नियम बनाए जाएंगे और उन्हें सभी को सूचित किया जाएगा। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि, “कन्नड़ बोर्ड जरूरी हैं। यह कन्नड़ नाडु है और यहां बोर्ड कन्नड़ में होने चाहिए। हम अन्य भाषाओं के विरोधी नहीं हैं, लेकिन कन्नड़ प्रमुख होनी चाहिए।”

दंगा के बाद सीएम का कदम

जानकारी के लिए बता दें कि, यह घोषणा सीमांत भाषा समूह, कर्नाटक रक्षणा वेदिके (नारायण गौड़ा गुट) के उपद्रवियों द्वारा बेंगलुरु के व्यावसायिक इलाकों में दंगा करने, प्रमुख बाजारों और व्यापारिक केंद्रों में दुकानों पर हमला करने, साइनबोर्ड तोड़ने और काले करने के एक दिन बाद आई है। जिसके साथ ही फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FKCCI) ने सरकारी नियमों का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। हालाँकि, इसने राज्य सरकार से 28 फरवरी, 2024 की समय सीमा तक नियम के तहत कोई कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया।

कर्नाटक सरकार की योजना

इसके साथ ही सिद्धारमैया ने आगे कहा कि, सरकार कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम (केएलसीडीए) – 2022 की धारा 17(6) में संशोधन करने की योजना बना रही है, जिसे पिछली भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लागू किया था। प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य कन्नड़ में जानकारी के लिए साइनबोर्ड और नेमप्लेट पर स्थान के आवंटन से संबंधित प्रावधान को संशोधित करना है।

सीएन ने दिया निर्देश

वहीं आगे इस विषय पर प्रकाश डालते हुए सीएम ने कहा कि, अधिनियम की धारा 17(6) में वर्तमान में यह प्रावधान है कि वाणिज्यिक संस्थाओं, संस्थानों, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, मनोरंजन केंद्रों, होटलों आदि को साइनबोर्ड और नेमप्लेट पर आधा स्थान कन्नड़ में जानकारी के लिए आवंटित करना होगा, शेष स्थान को कन्नड़ में जानकारी के लिए आवंटित करना होगा। किसी अन्य भाषा के लिए स्थान उपलब्ध है।

अध्यादेश का मसौदा तैयार करने का आदेश

जानकारी के लिए बता दें कि, मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम सिद्धारमैया ने अधिकारियों से एक अध्यादेश का मसौदा तैयार करने को कहा, जो 28 फरवरी, 2024 को लागू होगा। जिसके बाद सीएम ने कहा कि, “सभी दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, होटलों, मॉल और अस्पतालों को नए अध्यादेश का पालन करना होगा।”उन्होंने हालिया विरोध प्रदर्शनों के दौरान बर्बरता में शामिल व्यक्तियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार निर्दिष्ट क्षेत्रों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती है, लेकिन कानून का कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिद्धारमैया ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

FKCCI के अध्यक्ष रमेश चंद्र लाहोटी का बयान

इसके साथ ही FKCCI के अध्य़क्ष रमेश च्रंद्र लाहोटी ने इस विषय पर अपने बयान में कहा कि, “हम सरकार और बीबीएमपी से अपील करते हैं कि 28 फरवरी, 2024 की समय सीमा तक उपरोक्त नियम के आधार पर कोई कार्रवाई न करें, और सरकार से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह करें कि कोई भी व्यापार और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को परेशान करने के लिए कानून को अपने हाथ में न ले।

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