India News (इंडिया न्यूज), Naga Sadhu: नागा साधुओं को कुंभ मेला, माघ मेला जैसे खास मौकों पर ही देखा जाता है। नागा साधु बनने से लेकर उनके रहन-सहन के तरीके और उनकी जिंदगी भी काफी रहस्यमयी होती है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग साधुओं और संतों के इस समुदाय के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। चिंता की बात यह भी है कि कुंभ जैसे विशेष अवसरों पर दिखने वाले नागा साधु कुंभ के बाद अचानक कहां गायब हो जाते हैं। क्योंकि पवित्र नदियों या तीर्थस्थलों के अलावा नागा साधुओं को कहीं और शायद ही देखा जाता है।
नागा साधु कहां रहते हैं, क्या खाते हैं या कैसे अपना गुजारा करते हैं, इस बारे में आम लोगों को शायद ही कुछ पता हो। दरअसल, इन नागा साधुओं की दुनिया काफी रहस्यमयी और छुपी हुई है। शरीर पर भस्म लपेटे और भगवान की भक्ति में लीन रहने वाले नागा बाबा आमतौर पर पहाड़ों, जंगलों, गुफाओं या प्राचीन मंदिरों में रहते हैं। वे ऐसी जगहों पर रहते हैं, जहां कम से कम लोग जाते हों। ये नग्न नागा बाबा ज्यादातर समय तपस्या में लीन रहते हैं।
Naga Sadhu: नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया! महाकुंभ के बाद हो जाते हैं विलुप्त
वे भीख मांगकर या जंगलों और पहाड़ों में पाए जाने वाले कंद-मूल खाकर अपना पेट भरते हैं। वे लंबे समय तक भूखे-प्यासे रह सकते हैं। वे दुनिया के सामने आना पसंद नहीं करते। इसलिए, वे जंगल के रास्तों से पैदल यात्रा करते हैं और आमतौर पर दिन के बजाय रात में यात्रा करते हैं। नागा साधु किसी भी तरह की आरामदायक चीजों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे जमीन पर सोते हैं और सख्त नियमों का पालन करते हैं। वे अपना ज्यादातर समय भगवान की पूजा-अर्चना में बिताते हैं। यह भी कहा जाता है कि उनके पास ऐसा रहस्यमय ज्ञान या शक्ति होती है कि वे अपने साथियों द्वारा भेजे गए संदेशों को प्राप्त कर लेते हैं।
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