India News (इंडिया न्यूज),Ancient India: मानव सभ्यता के विकास के साथ ही खानपान में भी काफी बदलाव आया है। खाने की थाली से कुछ चीजें गायब हो गई हैं, तो कुछ चीजों को जगह भी मिली है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे पूर्वज क्या खाते थे, वेज या नॉनवेज। अगर आप भी नहीं जानते कि हमारे पूर्वज शाकाहारी थे या मांसाहारी, तो यहां जान लीजिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि जोशी और बीएस हेब्बाली की किताब मानसोल्लासा और आयुर्वेद में वर्ष 1127 में खानपान के बारे में विस्तार से बताया गया है।
यह विश्वकोश हमारे पूर्वजों के खेल, संगीत, खान-पान आदि के बारे में बताता है। इसके अनुसार कुछ लोग शाकाहारी थे तो कुछ मांसाहारी। हालांकि, ज्यादातर लोग शाकाहारी ही थे। कहा जाता है कि उस समय लोग मांसाहारी खाने में कछुए, भुने हुए चूहे और 35 तरह की मछलियां खाते थे। वहीं शाकाहारी लोग डोसा, दही से बनी चीजें, दाल की पूरी और मंडका यानी पराठा खाते थे। इसके अलावा हमारे पूर्वज 40 ग्राम फल और सलाद भी खाते थे।
Ancient India: मानव सभ्यता के विकास के साथ ही खानपान में भी बदलाव आया है।
करीब 900 साल पहले कर्नाटक के राजा सोमेश्वर तृतीय ने इंसानों की जीवनशैली पर एक विश्वकोश तैयार किया था। इस विश्वकोश में हमारे पूर्वजों के खान-पान, मनोरंजन, संगीत और आयुर्वेद के बारे में जानकारी दी गई है। विश्वकोश में बताया गया था कि उस समय लोग वेज और नॉनवेज दोनों तरह का खाना बड़े चाव से खाते थे। उस समय नॉनवेज में भुने हुए चूहे, कछुए और 35 तरह की मछलियों के व्यंजन प्रचलित थे।
वहीं शाकाहारी लोगों की पसंदीदा चीजों में दाल, डोसा, दही से बनी चीजें और मांडका (पराठा) शामिल थे। इसके अलावा पूर्वज तिल-काली सरसों की ड्रेसिंग के साथ 40 तरह के फल और सलाद भी खाते थे। मिठाइयों में मीठी गेहूं की पूरी, चावल के आटे का पनतुआ और काले चने की टिकिया मशहूर थी। और खाने के बाद पनाका नाम का पेय पदार्थ पिया जाता था, जो फलों और दही से बनता था। कहा जाता है कि पूर्वज भेड़ के खून से बनी खीर और कीमा जैसे व्यंजन भी खाते थे।