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अगर इस वायरल ने एक बार आपके शरीर में कर लिया घर तो कभी भी पैदा नहीं कर सकेंगे बच्चे, मर्द तो खासतौर से जान लें!

Human Papillomavirus: द लांसेट मैग्जीन में प्रकाशित एक अन्य स्टडी के मुताबिक, 15 साल से ज्यादा उम्र के 3 में से 1 पुरुष आंशिक रूप से एचपीवी से संक्रमित होते हैं।

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Human Papillomavirus: ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) एक आम वायरस है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हाल ही में एक स्टडी में दावा किया गया है कि एचपीवी संक्रमण से पुरुषों में नपुंसकता (इंफर्टिलिटी) का खतरा बढ़ सकता है। यह अध्ययन अर्जेंटीना की यूनिवर्सिडाड नेशनल डी कॉर्डोबा के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया और इसके नतीजे “फ्रंटियर्स इन सेलुलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी” नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

एचपीवी और पुरुष प्रजनन क्षमता पर असर

शोधकर्ताओं का कहना है कि एचपीवी संक्रमण पुरुषों में बेहद आम है और इसका असर केवल जननांग मस्सों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मुंह, गले और एनस के खतरनाक बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। अध्ययन में पाया गया कि एचपीवी के हाई रिस्क वाले जीनोटाइप से संक्रमित पुरुषों में ऑक्सीडेटिव तनाव और कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण स्पर्म क्वालिटी और स्पर्म काउंट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे पुरुषों में प्रजनन क्षमता में गिरावट का खतरा बढ़ जाता है।

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क्या कहती है स्टडी

अर्जेंटीना में 2018 से 2021 के बीच किए गए इस अध्ययन में 205 पुरुषों को शामिल किया गया, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्याओं के कारण यूरोलॉजी क्लिनिक गए थे। इनमें से 29% पुरुषों में एचपीवी पॉजिटिव पाया गया, जिनमें से 20% पुरुषों में उच्च जोखिम वाला एचपीवी और 7% में कम जोखिम वाला एचपीवी पाया गया। दिलचस्प बात यह है कि जिन पुरुषों ने एचपीवी वैक्सीन नहीं लिया था, उनमें एचपीवी संक्रमण की दर अधिक पाई गई।

स्पर्म क्वालिटी पर प्रभाव

हालांकि, नियमित सीमेन विश्लेषण में ग्रुप के सीमेन की क्वालिटी में कोई स्पष्ट अंतर नहीं पाया गया, लेकिन उच्च रिज़ॉल्यूशन टेस्ट में यह देखा गया कि जो पुरुष हाई रिस्क वाले एचपीवी (HR-HPV) से संक्रमित थे, उनके सीमेन में CD45+ व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या काफी कम थी। यह इशारा करता है कि एचपीवी संक्रमण से यूरिनरी ट्रैक्ट में इम्यून रिस्पॉन्स कमजोर हो सकता है, जिससे प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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एचपीवी का बढ़ता खतरा

द लांसेट मैग्जीन में प्रकाशित एक अन्य स्टडी के मुताबिक, 15 साल से ज्यादा उम्र के 3 में से 1 पुरुष आंशिक रूप से एचपीवी से संक्रमित होते हैं। इसके अलावा, 5 में से 1 पुरुष हाई रिस्क वाले या ऑनकोजेनिक एचपीवी स्ट्रेन से संक्रमित होते हैं। इसका मतलब यह है कि एचपीवी संक्रमण न केवल महिलाओं में, बल्कि पुरुषों में भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

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इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि एचपीवी संक्रमण से पुरुषों में प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से, हाई रिस्क वाले एचपीवी जीनोटाइप्स से संक्रमित पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी और काउंट कम होने का खतरा होता है। इस स्टडी के नतीजे पुरुषों को एचपीवी संक्रमण के प्रति अधिक सतर्क रहने और समय पर वैक्सीनेशन कराने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं, ताकि उनकी प्रजनन क्षमता सुरक्षित रह सके।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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