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India News (इंडिया न्यूज), Micronutrient Deficiencies: हाल ही में, लैंसेट की एक स्टडी ने भारत में सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं के लिए एक चौंकाने वाली स्थिति उजागर की है। अध्ययन के अनुसार, भारत की अधिकांश आबादी अपने दैनिक आहार में आयरन, कैल्शियम और फोलेट जैसे आवश्यक माइक्रोन्यूट्रीएंट्स का पर्याप्त सेवन नहीं कर रही है। ये पोषक तत्व न केवल शरीर के सामान्य कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उनकी कमी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
आइए समझते हैं कि ये तीनों माइक्रोन्यूट्रीएंट्स हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी हैं और इन्हें अपने आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है।
आयरन हमारे शरीर के लिए आवश्यक खनिजों में से एक है। यह हीमोग्लोबिन का एक प्रमुख घटक है, जो शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे थकान, कमजोरी और प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी हो सकती है। आयरन दो प्रकार का होता है:
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कैल्शियम न केवल हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, बल्कि यह मांसपेशियों के सही कामकाज, नर्व ट्रांसमिशन और रक्त के थक्के जमने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कैल्शियम के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं:
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फोलेट, विटामिन B का एक प्रकार है, जो डीएनए सिंथेसिस और कोशिका विभाजन में अहम भूमिका निभाता है। यह गर्भावस्था के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसकी कमी से भ्रूण के विकास में समस्याएं हो सकती हैं। फोलेट की कमी से एनीमिया और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी हो सकती है। फोलेट के अच्छे स्रोत निम्नलिखित हैं:
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आयरन, कैल्शियम और फोलेट की कमी से बचने के लिए इन पोषक तत्वों को अपने दैनिक आहार में शामिल करना आवश्यक है। संतुलित आहार न केवल आपको एनर्जी और सशक्त शरीर प्रदान करेगा, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करेगा।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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