AI X-Rays To Detect Covid-19: अब "एआई" एक्स-रे से मिनटों में पता चलेगा कोरोना है या नहीं - India News
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AI X-Rays To Detect Covid-19: अब "एआई" एक्स-रे से मिनटों में पता चलेगा कोरोना है या नहीं

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 24, 2022, 1:44 pm IST
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AI X-Rays To Detect Covid-19: अब

AI X-Rays To Detect Covid-19

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
AI X-Rays To Detect Covid-19: 2019 से चीन के शहर वुहान से शुरू हुई कोरोना महामारी ने पूरी देश-दुनिया में ना जाने अब तक कितने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस महामारी से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ व केंद्र सरकार ने कई हिदायतें बरतने के लिए कई गाइडलाइंस भी जारी कर चुकी है। वहीं कई तरह की वैक्सीन व दवाइयां भी बनाई गईं। हर दिन वैज्ञानिक अपनी तरह से नई-नई रिसर्च करते हैं।

वहीं अभी तक कोरोना इंफेक्शन की पहचान के लिए दो टेस्ट होते थे जैसे आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट। अब एक ऐसी नई एक्स-रे टेक्नोलॉजी आई है, जिससे बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट किए ही ये पता लग जाएगा कि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं। आइए जानते हैं कि क्या है (Coronaviru) कोरोना जांच करने वाली नई एक्स-रे तकनीक? क्या ये आरटी-पीसीआर की जगह ले सकती है?।

AI X-Rays To Detect Covid-19

AI X-Rays To Detect Covid-19

(AI based X-Rays for Coronavirus) कोरोना जांच करने वाली इस नई एक्स-रे तकनीक को यूनिवर्सिटी आॅफ वेस्ट स्कॉटलैंड (यूडब्ल्यूएस) के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। स्कॉटलैंड के रिसर्च की ओर से विकसित यह एक्स-रे तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी (एआई) पर आधारित है। इस तकनीक से कुछ ही मिनटों में पता लग जाएगा कि व्यक्ति को कोरोना है या नहीं।

(AI X-Rays for Corona, Scotland AI X-Rays) बताया जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक वायरस को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि माना जा रहा है कि एक्स-रे तकनीक पूरी तरह से आर-पीसीआर टेस्ट यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन की जगह नहीं ले सकती है। क्योंकि संक्रमण के शुरूआती चरण में कोरोना के लक्षण एक्स-रे में नजर नहीं आते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैसे काम करती है?

यूनिवर्सिटी आफ वेस्ट स्कॉटलैंड (यूडब्ल्यूएस) रिसर्च के मुताबिक, इस नई तकनीक में कोरोना संक्रमित मरीजों, स्वस्थ व्यक्तियों और वायरल निमोनिया से पीड़ित लोगों के करीब तीन हजार एक्स-रे इमेज का डेटाबेस होता है। एआई पर आधारित एक्स-रे से इन सभी इमेज के स्कैन (बारीकी से जांच) की तुलना की जाती है।

इसके बाद एक ‘डीप कन्वेन्शनल न्यूरल नेटवर्क’ नाम की एआई तकनीक, एल्गोरिदम के जरिए विजुअल इमेजरी का विश्लेषण करके ये पता करती है कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं। रिसर्च का दावा है कि एक विस्तृत टेस्टिंग फेज में इस तकनीक ने कोरोना संक्रमण का पता लगाने में 98फीसदी सटीक रिजल्ट दिया।

AI X-Rays To Detect Covid-19

एक्स-रे से कोरोना जांच के क्या फायदे? (What are the benefits of corona test with X-ray)

  • इस नई तकनीक को विकसित करने वाली तीन लोगों की टीम के प्रमुख प्रोफेसर रमजान का कहना है कि ये तकनीक उन देशों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी जहां बड़ी संख्या में कोरोना टेस्ट करने के लिए जांच उपकरण उपलब्ध नहीं हैं।
  • एआई बेस्ड एक्स-रे टेक्नोलॉजी से कोरोना का पता कुछ ही मिनटों में चल जाएगा, जबकि मौजूदा आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में कम से कम 2 घंटे लगते हैं। जल्द कोरोना डिटेक्ट होने से मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी।
  • बताया जा रहा है कि यह तकनीक कोरोना का पता लगाने में पीसीआर टेस्ट से तेज काम करती है। उन्होंने कहा कि कोरोना का जल्द पता लगाने के लिए लंबे समय से एक शीघ्र और विश्वसनीय टूल की जरूरत थी, खासतौर पर ओमिक्रॉन फैलने के बाद से।
  • वायरस के गंभीर मामलों की जांच करते समय, यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण और संभावित रूप से जीवन रक्षक साबित हो सकती है, इससे जल्द ही ये तय करने में मदद मिलती है कि किस तरह के इलाज की जरूरत है।

क्या टेस्टिंग की कमी से जूझ रहे देशों को होगा लाभ?

  • नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक्स-रे तकनीक से खासकर उन देशों को फायदा होगा जहां आरटी-पीसीआर टेस्ट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं। न केवल भारत बल्कि अमेरिका ने भी हाल ही में होम आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के लिए टेस्टिंग की अनिवार्यता खत्म कर दी थी।
  • अमेरिका के इस फैसले को कई विशेषज्ञों ने वहां टेस्टिंग की पर्याप्त उपलब्धता न होने से जोड़कर देखा था। ऐसे में न केवल भारत, अमेरिका, बल्कि कई अफ्रीकी और दुनिया के गरीब देशों में कोरोना जांच के लिए अक आधारित एक्स-रे तकनीक बहुत काम आ सकती है।

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