INDIA NEWS, NEW DELHI| Better Policing दिल्ली पुलिस के कामकाज का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को पुलिस मुख्यालय का दौरा करेंगे। करीब पौने दो साल पहले गृह मंत्री ने पुलिस मुख्यालय का दौरा कर बेहतर पुलिसिंग के लिए समस्त अधिकारियों द्वारा पांच-पांच लक्ष्य तैयार कर उसपर काम काम करने को कहा था।
पुलिस अधिकारियों से उन्होंने कहा था कि वे आगामी दो, चार अथवा छह साल का लक्ष्य तैयार कर उस अनुसार काम करें। वे यह तय करें कि दो साल में उन्हें क्या करना है, चार अथवा छह साल में क्या करना है। योजना बनाकर काम करने में उन्हें परेशानी नहीं आएगी और उसका बेहतर परिणाम भी सामने आएगा।
उन्होंने भविष्य की योजना तैयार कर उसे चुनौती मानते हुए काम में जुट जाने की नसीहत दी थी। गृह मंत्री की नसीहत पर पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में आला अधिकारियों ने उस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था। यातायात पुलिस, अपराध शाखा, क्राइम ब्रांच व जिला पुलिस ने लक्ष्य बनाकर काम करना शुरू कर दिया था।
माना जा रहा है कि मंगलवार को उसी का जायजा लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह मुख्यालय का दौरा करेंगे। वे दोपहर 12 बजे मुख्यालय पहुचेंगे और शाम चार बजे तक उनके मुख्यालय में रहने की बात सामने आ रही है।
इस दौरान वे पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा समेत समस्त वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे। गृह मंत्री यह जानने की कोशिश करेंगे कि पौने दो साल में दिल्ली पुलिस ने क्या काम किया। आगे का उनका क्या लक्ष्य है। कामकाज में उनके सामने क्या परेशानी आई। परेशानी के बारे में जानकार वे भविष्य में उसे दूर करने की कोशिश करेंगे।
मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक अगले सात सितंबर में दिल्ली में जी 20 समिट होना है। इसके लिए दिल्ली पुलिस को सुरक्षा के बेहद खास बंदोबस्त करने होंगे। सुरक्षा तैयारियों को लेकर गृह मंत्री, पुलिस आयुक्त व अन्य आला अधिकारियों से विस्तार से चर्चा करेंगे। क्योंकि दिल्ली पुलिस के लिए जी-20 समिट की सुरक्षा तैयारी करना बेहद चुनौती होगी।
पौने दो साल पहले गृह मंत्री ने जब मुख्यालय का दौरा किया था तब तत्कालीन पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस द्वारा किए जाने वाले कामकाज व अपनी उपलब्धियों के बारे में उन्हें बताने की कोशिश की थी। गृह मंत्री उपलब्धी जानने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि देश व दुनिया में दिल्ली पुलिस की सबसे बेहतर पेशेवर छवि कैसे बनें इस दिशा में दिल्ली पुलिस क्या काम करेगी।
महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारी पांच-पांच लक्ष्य बनाकर उस दिशा में क्या काम करेंगे उन्हें इस बात की जानकारी दी जाए। उन्होंने पूछा था कि क्या पुलिसकर्मियों के लिए हाउसिंग की सुविधा पर्याप्त है, नहीं है तो कितनी कमी है, कहां कहां भवन बनाया जा सकता है। भवन का निर्माण किससे कराया जाएगा। दिल्ली की आबादी व क्षेत्रफल भी बढते जा रहा है। ऐसे में कितने और नए थाने बनाने की जरूरत है। कितने थाने किराए के भवनों में चल रहा है उसके लिए योजना क्या है।
यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की क्या योजना है। पीसीआर की गाड़ियां कितनी कम है, मैन पावर कितना कम है आदि कई बातें पूछी थी। इस पर तत्कालीन विशेष आयुक्त आपरेशन मुक्तेश चंद्र ने कहा था कि आगमी चार साल में उनकी योजना पीसीआर को जिला पुलिस के साथ मर्ज करने की है।
इस पर गृह मंत्री ने कहा था कि चार साल बाद क्यों पहले क्यों नहीं। उसी के बाद पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने पीसीआर यूनिट को बगैर मजबूत किए जिला पुलिस के साथ मर्ज कर दिया। जिससे फायदा के बजाए नई स्थिति बिगड़ ही गई।
नए आयुक्त संजय अरोड़ा ने दोनों विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था से कहा है कि वे पीसीआर की समीक्षा कर उन्हें कर्मियों के बारे में बताएं कि आखिर उसे कैसे दूर किया जाए। उसपर बेहर निगरानी कैसे संभव हो। कारगर साबित न होने पर हो सकता है पीसीआर को फिर से जिले से अलग कर दिया जाए। सबसे बड़ी समस्या पीसीआर वाहनों के मैनटेनेंस की आ रही है।
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