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क्या आप भी करते हैं डाइट तो जानिए वीगन और वेजिटेरियन में क्या फर्क है

BY: Rizwana • LAST UPDATED : February 11, 2023, 12:22 pm IST
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क्या आप भी करते हैं डाइट तो जानिए वीगन और वेजिटेरियन में क्या फर्क है

हम आजतक शाकाहारी और मांसाहारी दो तरह के लोगों के बारे में काफी सुनते आए हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में वेजिटेरियन और नॉनवेजिटेरियन के अलावा एक और कैटेगरी का नाम काफी सुनने में आया है और वह है वीगन। बहुत से लोगों को वीगन का मतलब वेजिटेरियन ही लगता है, लेकिन ऐसा है नहीं। शाकाहारी व्यक्ति किसी भी जानवर का मांस जैसे मांस, मुर्गी या मछली नहीं खाता है। वहीं एक सख्त शाकाहारी होता है जो डेयरी, अंडे और जानवरों से प्राप्त किसी भी अन्य सामग्री के सेवन से भी बचता है, जिसे वीगन कहते हैं।

वीगन आहार को लेकर कुछ सालों पहले ही लोग जागरुक होना शुरू हुए हैं लेकिन इसे कम समय में ही काफी सराहना मिलने लगी है। चलिए जानते हैं वीगन और वेजिटेरियन में क्या-क्या समानताएं और अंतर हैं।

वेजिटेरियन डाइट क्या है?

वेजिटेरियन सोसाइटी के अनुसार, शाकाहारी वह है जो मांस, मुर्गी, मछली, या किसी भी पशु की हत्या कर उनके मांस नहीं खाता है। शाकाहारी आहार में फल, सब्जियां, अनाज, दालें, मेवे और बीज जैसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। इसके अलावा डेयरी और शहद जैसे आहार को भी शामिल करते हैं।

वीगन डाइट क्या है?

वीगन डाइट को शाकाहार का सबसे सख्त रूप माना जा सकता है। वीगनवाद को वर्तमान में वीगन सोसाइटी द्वारा जीवन जीने के एक ऐसे तरीके के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी भी रूप में पशुओं के प्रति शोषण और क्रूरता के प्रयासों के विरुद्ध है। तो एक वीगन व्यक्ति आहार में न केवल जानवरों का मांस बल्कि डेयरी, अंडे और जानवरों से आने वाली अन्य भी सामग्री को भी शामिल नहीं करता।

वेजिटेरियन और वीगन में समानताएं और अंतर

वेजिटेरियन और वीगन दोनों में जो सबसे बड़ी सामनता है वह यह है कि दोनों का एक ही उद्देश्य है पशु उत्पादों को खाने से बचना। वहीं इनमें सबसे बड़ा अंतर यह है कि वे किस हद तक पशु उत्पादों को स्वीकार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, वेजिटेरियन और वीगन दोनों स्वास्थ्य या पर्यावरणीय कारणों से मांस को अपने आहार से बाहर कर सकते हैं। हालांकि, वीगन लोग सभी पशु उप-उत्पादों से बचने का विकल्प भी चुनते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इसका उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सबसे बड़ा प्रभाव पड़ता है।

एक ओर नैतिकता के रूप में, शाकाहारी भोजन के लिए जानवरों को मारने का विरोध करते हैं लेकिन आम तौर पर दूध और अंडे जैसे पशु से मिलने वाले उत्पादों का उपयोग करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती। दूसरी ओर, वीगन मानते हैं कि जानवरों को मानव उपयोग से मुक्त होने का अधिकार है, चाहे वह भोजन, वस्त्र, विज्ञान या मनोरंजन के लिए ही क्यों ना हो। नतीजतन, वे जानवरों के सभी उप-उत्पादों से बचने की कोशिश करते हैं। वीगन जानवरों के प्रति होने वाली क्रूरता के खिलाफ इस कदर अपना विरोध जताते हैं कि वे उनपर प्रयोग किए जाने वाले उत्पादों को भी इस्तेमाल नहीं करते।

 

 

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