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Health News : अगर आप भी करते हैं पॉलिथीन का इस्तेमाल, तो हो जाइये सावधान

India News ( इंडिया न्यूज़ ),Health News :  पॉलिथीन का उपयोग आजकल किसी भी समृद्धि और उन्नति के साथ-साथ बढ़ती हुई जनसंख्या के संरक्षण की दिशा में आवश्यकताओं को पूरा करने में किया जा रहा है। हालांकि इसके साथ ही पॉलिथीन के प्रयोग से होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधित नुकसान से अवगत होना भी […]

BY: Shashikala Dushad • UPDATED :
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India News ( इंडिया न्यूज़ ),Health News :  पॉलिथीन का उपयोग आजकल किसी भी समृद्धि और उन्नति के साथ-साथ बढ़ती हुई जनसंख्या के संरक्षण की दिशा में आवश्यकताओं को पूरा करने में किया जा रहा है। हालांकि इसके साथ ही पॉलिथीन के प्रयोग से होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधित नुकसान से अवगत होना भी महत्वपूर्ण है। पॉलिथीन एक प्लास्टिक पॉलिमर है जिसका उत्पादन एतिलीन गैस के विभिन्न विकल्पों से किया जाता है। इसकी लड़ी और पट्टी अनेक उत्पादों के निर्माण में प्रयुक्त होती हैं। जैसे कि प्लास्टिक बोतलें, कवर, थैले, और विभिन्न आवश्यकताओं के उत्पाद। पॉलिथीन का उपयोग करने से हम हमारे जीवन और हमारे पर्यावरण को हर तरीके से हानि पंहुचा रहें हैं। आज हम आपको बताएंगे पॉलिथीन का उपयोग करने से हमें क्या नुकसान हो सकता है और हम इससे कैसे बच सकते हैं।

पॉलिथीन का प्रयोग और नुकसान

पर्यावरणीय प्रभाव पॉलिथीन के प्रयोग से प्लास्टिक कचरे की बढ़ती संख्या के कारण पर्यावरण पर असर पड़ता है। इसका उत्पादन और उसका निष्कर्षण, विशेष रूप से समुद्रों में, वनस्पतियों और जीवों के लिए हानिकारक हो सकता है। पॉलिथीन का प्रयोग खाद्य उत्पादों के पैकेजिंग में भी होता है जिसके बाद यह खाद्य पर प्रतिक्रिया करके नुकसान पहुंचा सकता है। यह बीमारियों के प्रसार का कारण बन सकता है और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।

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पॉलिथीन के निस्तारण के उपाय

विकल्पी उत्पादों का प्रयोग पॉलिथीन की जगह पर पर्यावरण से सहमत और बियोडिग्रेडेबल प्लास्टिक्स के उपयोग की गहराई में विचार किया जा सकता है। ये प्लास्टिक्स जलवायु में बेहतर तरीके से घुल जाते हैं और प्राकृतिक रूप से टूट जाते हैं। सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को पॉलिथीन के उपयोग को नियंत्रित करने और बढ़ती हुई कचरे की संख्या को कम करने के उपायों पर काम करने की आवश्यकता है। साथ ही जनसामान्य को पॉलिथीन के नुकसान के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान आयोजित करना चाहिए।

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