india China Trade Relations: क्या भारत-चीन की आपस में तकरार है दिखावा?
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: india China Trade Relations: हाल ही में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैष्णव संत रामानुजाचार्य की मूर्ति का (स्टैच्यू आफ इक्वैलिटी) अनावरण किया है। क्या आपको पता है कि जिस स्टैच्यू आफ इक्वैलिटी का अनावरण पीएम ने किया है उसे किस देश की कंपनी ने बनाया है। […]
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: india China Trade Relations: हाल ही में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैष्णव संत रामानुजाचार्य की मूर्ति का (स्टैच्यू आफ इक्वैलिटी) अनावरण किया है। क्या आपको पता है कि जिस स्टैच्यू आफ इक्वैलिटी का अनावरण पीएम ने किया है उसे किस देश की कंपनी ने बनाया है।
सूत्रों के मुताबिक, वैष्णव संत रामानुजाचार्य की मूर्ति (स्टैच्यू आफ इक्वैलिटी) चीनी कंपनी एरोसन कॉपोर्रेशन ने बनाया है। लाइन आफ एक्चुअल कण्ट्रोल अर्थात वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देश एक दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं। कहने को तो भारत और चीन की सरकारें खुद को सख्त से सख्त दिखाती हैं, लेकिन सच यही है कि दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। तो आइए जानते हैं क्या वजह है कि चीन की भारत विरोधी नीति के बावजूद भारत का उससे कारोबार बढ़ रहा है?।
india China
क्या भारत का ट्रेडिंग पार्टनर है चीन?
भारत-चीन के बीच लद्दाख सीमा पर हुई झड़प के बावजूद साल 2021 में (india china trade 2021) चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। (IndiaChina trade) पिछले वित्तीय वर्ष में भी चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था।
2021 में भारत (india china trade statistics) का चीन के साथ व्यापार में (India China Total Trade) 9.3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
(Chinese government data ) भारत ने इस दौरान चीन से 7.2 लाख करोड़ रुपए सामान खरीदा। भारत ने इस दौरान सिर्फ दो लाख करोड़ रुपए का चीन को निर्यात किया, यानी इतने पैसे का सामान चीन को बेचा।
भारत को आत्मनिर्भरता अभियान से भी नहीं मिला लाभ
साल 2021 मई में भारत सरकार ने आत्मनिर्भरता का अभियान चलाना शुरू किया था। इसका उद्देश्य आयात को कम कर निर्यात को बढ़ाना और देश के अंदर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना था। विशेषज्ञ कहते हैं कि ये अभियान चीन पर निर्भरता कम करने पर अधिक केंद्रित था, लेकिन ताजा व्यापारिक आंकड़े बताते हैं कि इन सब कदमों के बावजूद चीन पर निर्भरता कम नहीं हो सकी है।
अप्रैल (India’s bilateral trade with China) 2020 एलएसी पर तनाव के बाद भारत ने कहा था कि सीमा पर तनाव और व्यापार साथ-साथ नहीं हो सकता है और सरकार ने चीन से सभी निवेश पर रोक लगा दी थी।
कड़े प्रतिबंधों के चलते पिछले एक साल में चीन के निवेश में गिरावट आई है। इसके चलते टेक और टेलीकॉम स्पेस में अलीबाबा और टेनसेंट जैसे टेक दिग्गजों के निवेश अचानक रुक गए।
सरकार ने 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर सुरक्षा का कारण बता कर पाबंदी लगा दी थी। इनमें लोकप्रिय ऐप टिकटॉक, वीचैट और वीबो शामिल थे। चीन की कंपनियों को अब तक 5जी ट्रायल से बाहर रखा गया है। इसके साथ ही भारत ने हाल ही में स्मार्टफोन निमार्ता श्याओमी सहित कई कंपनियों पर सख्ती बरतते हुए टैक्स चोरी मामले में भी कार्रवाई की है।
किन वस्तुओं का आयात बढ़ रहा?
भारत ने चीन से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सामान, विशेष रूप से स्मार्टफोन, भारी मशीनरी, विशेष रसायन, एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई), आटो कॉम्पोनेंट और 2020 के बाद बड़ी संख्या में मेडिकल उपकरणों का आयात किया है। (india china trade turnover)
भारत के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में इन सभी प्रमुख आयातों में वृद्धि जारी रही। इसके साथ ही लैपटॉप-कंप्यूटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर और एसिटिक एसिड जैसे रसायनों के आयात में भारी वृद्धि देखने को मिली है।
भारत किन वस्तुओं का निर्यात करता?
लौह अयस्क, पेट्रोलियम ईंधन, कार्बनिक रसायन, रिफाइंड कॉपर, कॉटन यार्न। खाद्य वस्तुओं में मछली एवं सी फूड, काली मिर्च, वनस्पति तेल, वसा आदि प्रमुख हैं।
किन वस्तुओं का भारत चीन से आयात करता है?
आटोमेटिक डेटा प्रोसेसिंग मशीन एवं यूनिट, टेलीफोन इक्विपमेंट और वीडियो फोन, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, ट्रांजिस्टर्स एवं सेमीकंडक्टर डिवाइस, एंटीबायोटिक्स, उर्वरक, साउंड रिकॉर्डिंग, डिवाइस और टीवी कैमरा, आटो कॉम्पोनेंट, आटो एसेसरीज और प्रोजेक्ट गुड्स ।