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भारतीय महिलाओं को वित्तीय साक्षरता की जरूरत, साक्षर महिलाएं बना सकती हैं देश के अर्थव्यवस्था को मजबूत

इंडिया न्यूज (Indian Women Need Financial Literacy): आज पूरी दुनिया में महिलEओं के शिक्षा को लेकर एक से बड़े एक कदम उठाएं जा रहे हैं। एक कहावत तो आपको अक्सर सुनने को मिला होगा कि अगर एक आदमी पढ़ता है तो सिर्फ वही शिक्षित होता है लेकिन, अगर एक लड़की पढ़ती है तो पुरा परिवार […]

BY: Priyanshi Singh • UPDATED :
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इंडिया न्यूज (Indian Women Need Financial Literacy): आज पूरी दुनिया में महिलEओं के शिक्षा को लेकर एक से बड़े एक कदम उठाएं जा रहे हैं। एक कहावत तो आपको अक्सर सुनने को मिला होगा कि अगर एक आदमी पढ़ता है तो सिर्फ वही शिक्षित होता है लेकिन, अगर एक लड़की पढ़ती है तो पुरा परिवार शिक्षित होता है। आज महिलाओं का साक्षर होना बेहद जरुरी है। हम देखते है कि एक तरफ महिलाएं आत्मनिर्भर तो बन रही है लेकिन दुसरी तरफ वित्तीय व्यवस्था के लिए ज्यादातर महिलाएं पुरुषों के उपर निर्भर रहती है। पैसे का लेन-देन हो या फिर कोई खरीदारी करना हो इसके लिए वह अन्य व्यक्तियों पर आश्रित होंती है। भारतीय महिलाओं की बात कि जाय तो सांस्कृतिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रतिबंधों के कारण उन्हें वित्तीय साक्षर बनने में विशेष बाधा उत्पन्न करता है ।

महिला निवेशकों की संख्या भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक

बैंक ऑफ न्यूयॉर्क की 2022 में आई एक स्टडी के मुताबिक बताया गया कि अगर दुनिया कि सभी महिलाएं पुरुषों के मुकाबले निवेश करने लगें तो दुनिया भर में निवेश की जाने वाली रकम की संख्या बढ़कर कुल 3200 अरब डॉलर हो जाएगा। निवेशक अजय यादव इसे भारत के संदर्भ बताते हैं कि भारत में महिला निवेशकों की बढ़ती संख्या को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी सकारात्मक बदलाव आये हैं।

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भारतीय महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता का क्या वजह

मिले आंकड़ों के मुताबिक बताया गया कि भारत में 70 प्रतिशत महिलाएं हर साल घरेलू हिंसा का शिकार बनती हैं। इस तरह की हिंसा ज्यादातर पैसें को लेकर रहता है। पैसें की पहुंच न हो पाने कि वजह नियंत्रित व्यवहार का बिगड़ना। घरेलू हिंसा के पीड़ित जिनके पास वित्तीय संसाधनों की कमी है, वे अपने दुराचारी को छोड़ने में सक्षम नहीं हैं और अक्सर उसके साथ उसी घर में रहने के लिए मजबूर होते हैं।

पुरुषों पर निर्भर है महिलाएं

एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि अभी भी महिलाएं निवेश और बचत के मामले में पुरुषों या फिर अपने निकट संबंधीयो पर आश्रित रहती हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आज भी गावों या छोटे शहरों में महिलाएं पैसा निकालना, एटीएम का इस्तेमाल या पैसों का ऑनलाइन लेन देन किसी पुरुष के द्वारा करवाती हैं। ऐसे में उनके साथ बड़ी धोखा धड़ी भी की जाती है। उनके पैसों को इधर से उधर करना किसी दूसरे इंसान के लिए बेहद आसान होता है।

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