India News (इंडिया न्यूज), Indore Orphanage: मध्य प्रदेश के इंदौर से मानवता को तार-तार कर देने वाली ख़बर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इंदौर के एक अनाथालय के कर्मचारियों ने 4 से 14 साल के 21 छोटे बच्चों को प्रताड़ित कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया है। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब बाल कल्याण समिति का औचक निरिक्षण हुआ।
निरिक्षण के दौरान बच्चियों ने इस बात की जानकारी अधिकारियों को दी है। युवा लड़कियों ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें पीटा गया। साथ ही उल्टा लटकाया गया। इतना ही नहीं गर्म लोहे से दागा गया। इसके बाद नग्न किया गया और कर्मचारियों द्वारा तस्वीरें खींची गईं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि कुछ बच्चों को छोटी-छोटी गलतियों पर या कभी-कभी बिना गलती के भी मिर्च पाउडर का धुंआ सूंघने के लिए मजबूर किया जाता था।
Indore Orphanage
पुलिस, कर्मचारियों पर लगे आरोपों की जांच कर रही है। इस बीच, कई बच्चों ने यह भी आरोप लगाया है कि अनाथालय में पुरुषों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं था। देखभाल करने वाले के पुरुष साथी ने सुविधा में कम से कम 5 दिन बिताए। सीडब्ल्यूसी ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और चोटों की तस्वीरें भी पुलिस के साथ साझा कीं।
हालाँकि यौन उत्पीड़न का कोई आरोप सामने नहीं आया है। लेकिन चल रही काउंसलिंग और मेडिकल परीक्षाओं का उद्देश्य संभावित नुकसान का आकलन करना है। वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट की निदेशक शिखा जैन ने आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया। यह पूछे जाने पर कि ट्रस्ट को किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत क्यों नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जबकि एमपी सरकार उन्हें पंजीकृत करना चाहती थी, उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि वे सरकार से सहायता नहीं ले रहे थे।
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