इंडिया न्यूज़ (रांची, Journalists Misbehave in Jharkhand Assembly): झारखण्ड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान विधानसभा के अंदर पत्रकारों के साथ बदसूलकी की गई। यह पत्रकार विद्यानसभा के विशेष सत्र को कवर करने के लिए आए हुए थे। पत्रकारों के पास, विद्यानसभा का पास होने पर भी उन्हें पत्रकार दीर्घा में जाने की अनुमति नही दी गई। विद्यानसभा के सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के द्वारा पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की की गई। इस दौरान कई पत्रकारों को चोट भी आई। सुरक्षाकर्मियों के इस व्यवहार से नाराज़ पत्रकार विधानसभा परिसर में ही धरने पर बैठ गए। रांची ग्रामीण पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम ने पत्रकारों को समझाने का प्रयास किया लेकिन नाराज़ पत्रकार मानने को तैयार नहीं हुए.
घटना का वीडियो
पत्रकारों के साथ इस तरह के व्यवहार की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कड़ी निंदा की, विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा की “आज झारखंड विधानसभा में मीडियाकर्मियों के साथ पुलिस, सुरक्षाकर्मियों ने जिस तरह का दुर्व्यवहार, धक्का-मुक्की की है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। लगता है कि अपने कारनामों के लगातार देश-विदेश में उजागर हो रहे होने से से मुख्यमंत्री और उनकी लूटेरी टीम पत्रकारों से भी डरी हुई है।”
बाबूलाल मरांडी द्वारा किया गया ट्वीट
आज झारखंड विधानसभा में मीडियाकर्मियों के साथ पुलिस,सुरक्षाकर्मियों ने जिस तरह का दुर्व्यवहार,धक्का-मुक्की की है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं।
लगता है कि अपने कारनामों के लगातार देश-विदेश में उजागर हो रहे होने से से मुख्यमंत्री और उनकी लूटेरी टीम पत्रकारों से भी डरी हुई है।@ANI
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 5, 2022
वही विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा की “हम विधानसभा परिसर में पत्रकारों और सुरक्षा कर्मियों के बीच हाथापाई की कड़ी निंदा करते हैं। सरकार सदन की गतिविधियों को मीडिया से छिपाना चाहती थी। इसलिए जिन मीडियाकर्मियों को प्रेस गैलरी तक पहुंच दी गई, उन्हें मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी। नारायण ने दावा किया कि सत्तारूढ़ यूपीए के विधायकों को एक बस में लाया गया और गेट नंबर दो के बजाय मुख्यमंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए गेट के माध्यम से परिसर में प्रवेश किया, जिसका आमतौर पर सांसदों द्वारा उपयोग किया जाता है।”
झारखण्ड में राजनीतिक संकट के बीच और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक पद से अयोग्य होने के कयासों के बीच, सरकार ने विश्वास मत हासिल करने और सभी विधायकों की एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को सदन का विशेष सत्र बुलाया था, सरकार के पक्ष में इस दौरान 47 वोट पड़े वही विपक्ष में 0 वोट पड़े। बीजेपी ने सत्र का बहिष्कार किया और सदन के बाहर राज्य में हो रही अलग-अलग घटनाओ के विरोध में प्रदर्शन किया.
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