इंडिया न्यूज: Monsoon News Weather Update: इस समय देश के कई राज्यों में आंधी-तूफान के साथ हल्की बारिश देखने को मिल रही है। अभी बीते दिनों राजधानी दिल्ली में थोड़ी ज्यादा बारिश देखने को मिली, जिसे मानसून का नाम दे दिया गया।
वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है मानसून आ गया। लेकिन आईएमडी के अपने खुद के मानदंड कहते हैं कि ऐसा नहीं है। तो आइए जानते हैं मानसून आने को लेकर क्यों उठ रहे सवाल। कैसे तय होता है मानसून का आना, क्या है नियम।
बता दें कि देश में मानसून आने की घोषणा तब की जाती है जब केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक में मानूसन की शुरूआत की घोषणा करने वाले 8 स्टेशनों में लगातार दो दिनों तक कम से कम 2.5 मिमी बारिश हो। लेकिन आईएमडी ने 29 मई को जब मानसून आने की घोषणा की तो इन 8 में से 5 स्टेशनों पर ही 2.5 मिमी बारिश हुई थी।
केरल में मानसून की घोषणा करने के लिए मौसम विभाग के तीन आधार हैं। पहला-10 मई के बाद राज्य के मानूसन की शुरुआत की घोषणा की निगरानी करने वाले 14 स्टेशनों- मिनिकॉय, अमिनी, तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, अल्लापुझा, कोट्टायम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझीकोड, थालास्सेरी, कन्नूर, कुडुलु और मैंगलोर- में से 60 फीसदी स्टेशनों में लगातार दो दिन कम से कम 2.5 मिमी बारिश हो।
ये भी पढ़ें : बारिश के मौसम की सटीक भविष्यवाणी कैसे करते हैं ज्योतिष, पक्षी, जानवर और पेड़ पौधे
तीसरा- आउटगोइंग लॉन्ग रेडिएशन, यानी ओएलआर कम हो। ओएलआर का मतलब वायुमंडल की ओर से उत्सर्जित स्पेस में जाने वाला कुल रेडिएशन है या इसका मतलब है कि बादल कितने घने हैं।
मौसम विभाग के आईएमडी ने 29 मई को एक बयान में कहा था कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने की घोषणा के लिए जरूरी कंडीशंस पूरे हो गए हैं। ये कंडीशंस हैं-दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं की ताकत बढ़ गई।
दक्षिण-पूर्व अरब सागर और केरल के आसपास के क्षेत्रों में छाए बादलों में बढ़ोतरी से आउटगोइंग लॉन्ग वेव रेडिएशन की शर्तें पूरी हुईं। और पिछले 24 घंटों के दौरान केरल में भारी बारिश, केरल में मानूसन की शुरूआत की घोषणा करने वाले 14 बारिश निगरानी स्टेशनों में से 10 स्टेशनों पर 2.5 मिमी या ज्यादा बारिश हुई है।
स्काईमेट का कहना है कि मानसून जल्दी आने की घोषणा से किसानों को असमंसज भरा संदेश मिलता है। मानसून के आने की घोषणा करना एक मुश्किल काम हो सकता है। क्योंकि कई जगह बारिश एकदम सीमा पर हुई होती है।
हालांकि, मानसून की शुरूआत के क्राइटेरिया को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि इससे भारत में रिसर्च और खेती की योजनाओं पर असर पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि मौसम विभाग ने केरल में मानसून आने की घोषणा कर दी है।
मानसून आने के जो भी मानक हैं, वे पूरे हो रहे थे। हालांकि मानसून कमजोर पड़ गया है और मानसून का आगे बढ़ना धीमा पड़ सकता है। कम से कम अगले एक हफ्ते तक मानसून के कमजोर रहने और ज्यादा बारिश होने की संभावना नहीं है।
29 मई को जब केरल में मानसून पहुंचने की घोषणा की गई तो हवा के पैटर्न और ओएलआर के क्राइटेरिया तो पूरे हुए, लेकिन लगातार दो दिन बारिश का क्राइटेरिया पूरा नहीं होने से मौसम विभाग की घोषणा सवालों के घेरे में है। 29 मई रविवार तक ये क्राइटेरिया पूरे नहीं हुए थे।
आईएमडी के तिरुवनंतपुरम आफिस के मुताबिक, कोट्टायम, कोल्लम, अलाप्पुझा, वायनाड और एनार्कुलम में कुछ जगहों पर बारिश हुई, लेकिन कुल हुई बारिश के डेटा का आंकलन करना बाकी था। वहीं रिपोर्ट्स मुताबिक मानसून आने की घोषणा केवल पछुआ हवाओं और ओएलआर के आधार पर की गई, जबकि इसके लिए सबसे जरूरी लगातार दो दिन बारिश का क्राइटेरिया पूरा नहीं हुआ था।
इस मामले में मौसम विभाग स्काईमेट का कहना है कि जरूरी कंडीशन केवल एक दिन-29 मई को पूरी हुई थी। उसके एक दिन पहले (28 मई) और एक दिन बाद (30 मई) 14 में से केवल 40 फीसदी स्टेशनों पर ही क्राइटेरिया के अनुसार बारिश हुई थी।
स्काईमेट के आकलन और पैरामीटर्स के अनुसार केरल में मानसून अभी पहुंचा ही नहीं है। स्काईमेट का कहना है कि 30 मई को 14 स्टेशनों में से 7 में बारिश ही नहीं हुई, जबकि दो और स्टेशनों पर 1 मिमी से कम बारिश हुई। अधिकतर इलाकों में अच्छी धूप थी और मानसून जैसा अहसास नहीं हुआ।
इन आरोपों को खारिज करते हुए मौसम विभाग के डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अगर दूसरे दिन बारिश का क्राइटेरिया पूरा नहीं होता, तो भी इससे बड़ा अंतर नहीं पड़ता है। शनिवार को क्राइटेरिया पूरा हुआ था, इसलिए मानसून आने की घोषणा की गई। हम ये उम्मीद नहीं कर सकते कि क्राइटेरिया हर दिन पूरा होगा। कल फिर से बारिश बढ़ जाएगी।
महापात्रा ने कहा कि मौसम विभाग की 29 मई को जारी प्रेस रिलीज में साफ तौर पर जिक्र किया गया था कि मानसून पहुंचने की घोषणा से पहले लगातार दो दिन बारिश का क्राइटेरिया पूरा हुआ था। अब अगर कोई कहता है कि सभी स्टेशनों पर सभी दिन एक जैसी बारिश होनी चाहिए थी, तो ये संभव नहीं है।
इस विवाद के बीच आईएमडी ने कहा कि अगले 3-4 दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून सेंट्रल अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल के बाकी हिस्सों, तमिनलाडु के कुछ हिस्सों, कर्नाटक, बंगाल की खाड़ी के साउथ और सेंट्रल हिस्सों के अलावा बंगाल की खाड़ी के पूर्वोत्तर और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर आगे बढ़ेगा।
कर्नाटक में 5 जून, महाराष्ट्र में 10 जून, छत्तीसगढ़ में 15 जून, झारखंड में 15 जून, मध्य प्रदेश 15 जून, बिहार 15 जून, उत्तर प्रदेश में 20 जून, राजस्थान 20 जून, गुजरात में 20 जून, हरियाणा 20 जून, पंजाब 20 जून और दिल्ली में 30 जून को आ सकता है मानसून।
हमें Google News पर फॉलो करें- क्लिक करें !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.