इंडिया न्यूज़ (गांधीनगर): 26 जनवरी 2001 का दिन, कच्छ और गुजरात सहित पूरा देश गणतंत्र दिवस की खुशियां मना रहा था। लेकिन विनाशक भूकंप की तबाही ने देशभक्ति के महौल में रंगे कच्छ के अंजार शहर में खुशियों के माहौल को मातम में बदल दिया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक रैली में शामिल होने जा रहे अंजार के 185 स्कूली बच्चे और 20 शिक्षक भूकंप के चलते धराशायी हुई इमारतों के मलबे में दब गए। इस घटना से समूची दुनिया स्तब्ध रह गई थी.
तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन बच्चों की स्मृति में एक स्मारक बनाने की घोषणा की थी। अब यह स्मारक अंजार शहर के बाहरी क्षेत्र में बनकर तैयार हो गया है और 28 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसका लोकार्पण करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में इस स्मारक के निर्माण कार्य को अंतिम रूप दिया गया है। दिवंगत बच्चों के परिवार के 100 सदस्यों को स्मारक के लोकार्पण अवसर पर उपस्थित रहने का आमंत्रण दिया गया है.
दिवंगत बच्चों को समर्पित इस म्यूजियम को पांच विभागों में बनाया गया है। पहले विभाग में दिवंगत बच्चों की तस्वीरें और अतीत के स्मरणों को प्रस्तुत किया गया है। उसके बाद विनाश विभाग में दर्शाये गए मलबे में मृत बच्चों के स्मृति चिह्न और उनकी प्रतिकृतियां प्रस्तुत की गई हैं.
यहां से आगे जाने पर भूकंप का अनुभव हो सके इसके लिए एक विशेष कक्ष का निर्माण किया गया है। यहां सिम्युलेटर तथा पर्दे पर वीडियो के साथ भूकंप की अनुभूति कराई जाएगी। इसके अलावा, ज्ञान-विज्ञान विभाग में भूकंप आने की प्रक्रिया, उसके वैज्ञानिक कारण और अन्य आवश्यक जानकारियों का समावेश किया गया है। समापन गैलरी में आगंतुकों से भूकंप के अनुभवों के बारे में सवाल पूछे गए हैं.
म्यूजियम के बाहर मेमोरियल बनाया गया है। यहां भूकंप का शिकार बने मासूम बच्चों और शिक्षकों के नाम उनकी तस्वीरों के साथ दीवार पर लिखे गए हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यहां एक शक्तिशाली प्रकाशपुंज बनाया गया है, जिससे निकलने वाला प्रकाश पूरे अंजार शहर में दिखाई देगा.
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