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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
सर्वाइकल कैंसर ऐसी बीमारी है जो अंदर ही अंदर पनपने लगती है और महिलाओं को इसका पता भी नहीं चलता। जब तक इसका पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। यही वजह है कि सर्वाइकल कैंसर से मरने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ रही है। इसी खतरे को रोकने के लिए सही समय पर पैप स्मीयर जांच करवाना बहत ही जरूरी है। स्वास्थ्य संगठन की कैंसर पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर 8 मिनट में एक महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर की वजह से हो रही है। सर्वाइकल कैंसर की जांच करने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट करवाना सबसे ज्यादा प्रचलन में है। अगर कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए इस टेस्ट को महिलाएं रेग्युलर कराएं तो सही समय पर कैंसर की सही जानकारी मिल सकती है और इसका इलाज शुरू किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं इस टेस्ट के बारे में विस्तार से।
यह गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स में कैंसर के शुरुआती लक्षणों की जांच करने का एक टेस्ट होता है। दरअसल सर्विक्स महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक अंग है जहां गर्भाशय योनि से मिलता है। इस टेस्ट को सर्वाइकल कैंसर के अलावा एचपीवी संक्रमण की जांच के लिए भी किया जाता है। अगर सही समय पर पैप स्मीयर जांच करवाई जाए तो सर्वाइकल कैंसर का पहले ही पता लगाया जा सकता है।
पैप टेस्ट करने के लिए डॉक्टर स्पेकुलम नामक यंत्र को योनि में डालते हैं और कुछ कोशिकाएं यंत्र की मदद से सैंपल के तौर पर कलेक्ट करते हैं। फिर माइक्रोस्कोप की मदद से इन कोशिकाओं में किसी भी तरह की असामान्यता की जांच की जाती है।
जब सर्विक्स से कोशिकाएं निकाली जाती है तो यह थोड़ा असहज महसूस कराती है लेकिन इस टेस्ट को कराने में किसी तरह का दर्द नहीं होता। यह एक आसान प्रक्रिया है और दर्द रहित है।
आमतौर पर महिलाओं को 21 साल की उम्र के बाद पैप टेस्ट जरुर कराना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि महिला सेक्सुअली एक्टिव हों या नहीं हों, यह टेस्ट प्रत्येक महिला 21 से 65 उम्र की महिलाओं को तीन साल में एक बार जरूर कराते रहना चाहिए।
पीरियड या ज्यादा ब्लीडिंग होने पर उस दिन टेस्ट ना करवाएं। अगर आप किसी तरह की दवा या सप्लीमेंट ले रही हैं तो डॉक्टर को इसकी जानकारी दें। इस टेस्ट से 24 से 48 घंटे पहले तक सेक्स को अवॉइड करें।
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