Shimla News: शिमला की आंखें नम, समरहिल में मातम...
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Shimla News: शिमला की आंखें नम, समरहिल में मातम…

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : August 18, 2023, 2:58 pm IST
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Shimla News: शिमला की आंखें नम, समरहिल में मातम…

Shimla News: शिमला की आंखें नम, समरहिल में मातम…

India News (इंडिया न्यूज़), Anil Thakur,Shimla News: मनाली जहां पर्यटकों की हर वक्त चहल पहल रहती थी आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है दर्द की हजारों कहानियां हैं और जिस शिमला और मनाली की तस्वीरें आप अपने मोबाइल में कैद करते थे, वहां के भयानक वीडियो अब आपके मोबाइल में वायरल क्लिप बनकर आ रहे हैं। समरहिल में एडवांस स्टडीज के पास बादल फटने की घटना ने सबको हिलाकर रख दिया है समरहिल के कई लोग मौत के मुंह में समा गए। समरहिल में रहने वाली मानसी ठाकुर बताती हैं कि आंखों के सामने वो चेहरे लगातार घूम रहे हैं जिनको मौत ने अपने आगोश में ले लिया, हमारे मोहल्ले के हर तीसरे घर ने किसी न किसी ने अपनो को खो दिया है। एंबुलेंस के सायरन की आवाज जब भी आती है दिल की धड़कन बढ़ जाती है, क्योंकि किसी ना किसी का शव मिलने के बाद एंबुलेंस का सायरन बजना शुरू हो जाता है। पिछले 72 घंटों में हमने वो वक्त देख लिया जिसकी कभी उम्मीद नहीं की थी, कहीं हल्की सी धमाके की आवाज़ आती है तो सहम जाते हैं कि कहीं फिर से कुछ अप्रिय घटना तो नहीं घट गई।

सुबह साढ़े सात बजे हुई घटना

हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसर्स इस आपदा में दुनिया को अलविदा कह गए क्योंकि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी समरहिल में स्थित है और यूनिवर्सिटी का ज्यादातर स्टाफ और छात्र यहीं रहते हैं, पूरी यूनिवर्सिटी की आंखें आज नम हैं क्योंकि उन्होने अपने प्रिय प्रोफेसर PL शर्मा को खो दिया है। प्रोफेसर मानसी और उनके वकील पति भी जलाभिषेक के लिए शिव मंदिर पहुंचे थे वो भी इस दुनिया को अलविदा कह गए, प्रोफेसर पीएम शर्मा अपनी पत्नी और बेटे के साथ मंदिर पहुंचे थे वो भी काल का ग्रास बन गए।

मानसी बताती हैं कि सोमवार के दिन सुबह करीब साढ़े सात बज रहे थे और एक धमाके की आवाज़ आती है ऐसा लगा कि कहीं कोई बिल्डिंग गिर गई लेकिन जैसे ही बाहर निकल कर देखा तो शिव बॉड़ी में शिव मंदिर की तरफ धूल उड़ती हुई दिखी फिर लगा कि कहीं मंदिर का कोई हिस्सा तो नहीं गिर गया जो जहां था वहीं से मंदिर की तरफ देखने के लिए भागे जब मौके पर पहुंचे तो वहां मंजर कुछ और ही था मंदिर अपनी जगह नहीं था बस एक मलबे की एक नदी सी नीचे की तरफ बह रही थी और जो सामने आ रहा था उसको अपने साथ समेटकर ले जा रही थी।

एक ही परिवार के सात लोग मलबे में दबे

हमारे मोहल्ले के पवन अंकल के परिवार के 7 लोग वहां मौजूद थे सभी उस मलबे में समा गए, उसमें दो बच्चियां नायरा और समायरा भी थीं, समायरा को उनके पापा ने गोद में लेकर भागने की कोशिश की वो सीढ़ियों पर थे लेकिन देखते ही देखते काल का ग्रास बन गए। एक बच्ची की गर्दन अलग मिली है कुछ लोगों के हाथ अलग मिले हैं ये सब देखने और सुनने के बाद मन खराब हो जाता है।

14 शव मिले 7 लोग लापता

वहीं इंडिया न्यूज़ के सवांदाता अनिल ठाकुर से बात करते हुए प्रत्यक्षदर्शी महेंद्र ठाकुर ने बताया कि सुबह एक धमाके की आवाज़ आती है और हम भागकर मौके पर पहुंचते हैं 3 युवक एक शख्स को रेस्क्यू कर ला रहे थे मेरे सामने 2-3 पेड़ भी गिरे मलबे के साथ पानी बहुत आ रहा था मैं ट्रैक की तरफ भागा, ट्रैक पर पहुंच कर मैंने देखा कि रेलवे ब्रिज का वहां नामों निशान नहीं था,मैने तुरंत रेलवे की टीम को फोन किया और हादसे की जानकारी दी ऊपर से लगातार पानी आ रहा था, हमने पानी का रास्ता बदला ताकि नीचे रेस्क्यू हो सके, हादसे के वक्त लोगों ने भागने की कोशिश की लेकिन वो भाग नहीं सके जो जहां था वहीं से दलदल के साथ बह गया, मंदिर का आधा हिस्सा आधा किलोमीटर नीचे पहुंचा है। महेंद्र ठाकुर के मुताबिक अभी तक 14 शव मिल चुके हैं और 7 लोग अभी भी लापता हैं। मंदिर और सरायं बहुत अच्छी स्थिति में थी जर्जर बिल्कुल नहीं थी लेकिन ऊपर से प्रेशर इतना था कि सब कुछ बह गया ।

शायद नियति को यही मंजूर था

समरहिल हादसे में सबसे पहले रेस्क्यू किए राम सिंह ने इंडिया न्यूज़ को बताया कि मैं सोया था जैसे ही बिल्डिंग को धक्का लगा मैं बाहर आकर गिरा और मलबे में दब गया मेरा हाथ बाहर था कुछ लोगों ने मुझे जल्दी से बाहर निकाला, लेकिन मैं बहुत डरा हुआ हूं, 5 से 6 लोग किन्नौर के थे जो सबसे पहले बाहर गिरे और वो भागने में कामयाब रहे, बस मंदिर के अंदर जो लोग थे उन्हे मौका नहीं मिल पाया और वो लोग दफन हो गए शायद नियति को यही मंजूर था।

भूस्खलन की घटनाओं में 6 गुना इजाफा

सवाल ये है कि क्यों हिमालय पर बादल काल बनकर घूम रहे हैं सिर्फ मॉनसून और पश्चिमी विक्षोभ इसके लिए जिम्मेदार है क्या ये महज़ एक प्राकृतिक आपदा या नियति का प्रकोप है या फिर हिमालय की गोद में स्थित इन पहाड़ी राज्यो में विकास की अंधी दौड़ ने इस भयंकर आपदा को निमंत्रण दिया है तेज बारिश, बाढ़, भूकंप, भूस्खलन ये सब घटनाएं हिमालय में कोई नई बात नहीं है। लेकिन पिछले कुछ सालों से ऐसी घटनाएं पहले ज्यादा बढ़ गई हैं।

राज्य के आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक़ हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ सालों में भूस्खलन की घटनाओं में 6 गुना इज़ाफ़ा हुआ है। इसके पीछे की वजह जलवायु परिवर्तन और ज्यादा बारिश के मामलों का बढ़ना है। यह सच है कि देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले हिमालयी क्षेत्रों का औसत तापमान ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ सालों से देश के अन्य हिस्सों के तरह हिमालयी क्षेत्रों में कम समय के लिए लेकिन काफ़ी तेज बारिश के मामले बढ़े हैं और ये एक अध्ययन का विषय है।

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