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खिचड़ी बनी जानलेवा, मौत से पटना में लोगों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Weather Update चक्रवात गुलाब तो कमजोर पड़ गया है लेकिन बारिश देश के कुछ हिस्सों में अब भी जानलेवा बनी हुई है। उत्तर-मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में बारिश के कारण करीब 15 लोगों की मौत हो चुकी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) अब भी बारिश होने का अनुमान बताया है।
आईएमडी ने कहा कि बुधवार को भी विदर्भ के पश्चिमी हिस्सों पर कम दबाव के क्षेत्र के साथ गुजरात, उत्तरी कोंकण, उत्तर-मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में तेज बारिश के आसार है। उत्तर ओडिशा में कुछ जगहों पर 30 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना है। मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश, बाढ़ और बिजली गिरने से कम से कम 13 लोगों की मौत हुई है। एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटीं हैं। साथ ही 560 से अधिक लोगों को हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार और सोमवार को मराठवाड़ा में हुई मूसलाधार बारिश में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए सैंकड़ों मवेशी पानी में बह गए। अधिकारी ने कहा कि मराठावाड़ा बारहमासी सूखाग्रस्त क्षेत्र माना जाता है लेकिन यहां बारिश के कारण तबाही मची हुई है।
मराठवाड़ा मध्य महाराष्ट्र का इलाका है जहां बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। यहां के आठ जिले औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड, बीड, जालना और हिंगोली में भारी तबाही हुई है। मंगलवार को पानी की निकासी के लिए मंजारा बांध के सभी 18 और मजलगांव बांध के 11 गेट खोल दिए, जिससे 78,397 क्यूसेक 80,534 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस कारण बीड जिले के कुछ गांवों में बाढ़ आ गई जबकि पड़ोसी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि सरसा गांव में मांजरा नदी के तट पर फंसे 40 में से 25 लोगों को नाव की सहायता से निकाला गया है और बाकी 15 को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी साकिब उस्मानी ने बताया कि राज्य सिंचाई विभाग के तीन कर्मचारी घंसारगांव बैराज में फंसे हैं और एनडीआरएफ के एक दल तथा एक हेलीकॉप्टर को उन्हें बचाने के लिए तैनात किया गया है।
बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ा चक्रवात ‘गुलाब’ कमजोर पड़ गया है। बुधवार को यह और कमजोर होकर अरब सागर की ओर बढ़ सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इसके प्रभाव से इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। हालांकि चक्रवाती तूफान गहरा कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर पश्चिमी महाराष्ट्र में सक्रिय है। आईएमउी के अनुसार पश्चिमी तट पर गुलाब के पहुंचने से इसके फिर तेज होने की संभावना है।
मौसम विभाग का पूवार्नुमान है कि दो दिन तक लोगों को सूरज की तपिश से राहत नहीं मिलेगी और उमस भरी गर्मी का दौर जारी रहेगा। अक्टूबर की पहली तारीख से मौसम करवट लेगा और लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में बादल छाए रहने की संभावना जताई थी, लेकिन सुबह से ही सूरज देवता के तेवर कड़े देखने को मिले। दिनभर कड़ी धूप के कारण घरों से बाहर निकले लोग चिलचिलाती धूप से बचते नजर आए। वहीं, शाम होने पर भी वातावरण में अधिक उमस महसूस की गई।
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