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India News(इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी अपने पुराने सहयोगियों को एनडीए में शामिल करने की कोशिश में पूरी तरह सफल दिखाई दे रहे है। नीतीश कुमार की जेडीयू के बाद बीजेपी ओडिशा में बीजेडी से बातचीत कर रही है। अब पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने भी ‘घर-वापसी’ कर ली है। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) भी एनडीए में शामिल हो गई।
गठबंधन को लेकर गुरुवार (7 मार्च) को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में आंध्र प्रदेश में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर चर्चा हुई। इस बैठक में आंध्र प्रदेश के जनसेना पार्टी अध्यक्ष पवन कल्याण भी मौजूद थे। इस बीच टीडीपी सांसद के. रवींद्र कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी, टीडीपी और जनसेना पार्टी ने आगामी चुनाव में साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही थी। आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें और 175 विधानसभा सीटें हैं। बीजेपी 8-10 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है, लेकिन अगर पवन कल्याण की जन सेना पार्टी भी एनडीए में शामिल हो जाती है तो बीजेपी 5-6 सीटें अपने पक्ष में कर सकती है। जेएसपी पहले ही टीडीपी के साथ गठबंधन कर चुकी है। टीडीपी ने उन्हें तीन लोकसभा सीटें और 24 विधानसभा सीटें दी हैं। बीजेपी विजाग, विजयवाड़ा, अराकू, राजमपेट, राजमुंदरी, तिरूपति जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
टीडीपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में एनडीए गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया था। आंध्र प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलने से नाराज चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार से अपना नाम वापस ले लिया था। गठबंधन से अपना नाम वापस लेते हुए उन्होंने कहा था कि हमारा फैसला बिल्कुल सही है। केंद्र सरकार ने आंध्र से किये वादे पूरे नहीं किये। हम बजट सत्र की शुरुआत से ही संसद में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
उन्होंने आगे कहा- ‘टीडीपी और आंध्र सरकार ने 4 साल तक धैर्य रखा। मैंने हर तरह से केंद्र सरकार को समझाने की कोशिश की। इसके लिए वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। हाल ही में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें अपने फैसले के बारे में बताने की भी कोशिश की, लेकिन केंद्र कुछ भी सुनने के मूड में नहीं है। मुझे नहीं पता कि हमने क्या गलती की, वे (केंद्र) ऐसी बातें क्यों कह रहे हैं?
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