संबंधित खबरें
टीम इंडिया में रोहित शर्मा का दुश्मन कौन? पूर्व क्रिकेटर के खुलासे ने भारतीय क्रिकेट में मचाई सनसनी
राजमा चावल के फैंस अब हो जाइये अब सावधान! इन लोगो के लिए राजमा खाना हो सकता हैं जानलेवा?
Modi 3.0: ‘मोदी 3.0 के लिए देश तैयार, अब विकास पकड़ेगा और रफ़्तार’
Modi 3.0: अमित शाह क्या फिर संभालेंगे संगठन? पार्टी को 2029 के लिए रिचार्ज की है जरूरत
Modi 3.0: सेंट्रल हॉल का संदेश, एक देश एक चुनाव भी होगा और पीओके भी लेंगे
जनता की अदालत में फेल हुए दलबदलू नेता, 76 में से एक तिहाई ही बन पाए सांसद
India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Results: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गए हैं। इस बीच आतंकवाद से जुड़े आरोपों में जेल में बंद दो उम्मीदवारों ने इस लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। हालांकि कानून उन्हें भारत में 18वें आम चुनाव की कार्यवाही में भाग लेने से रोकता है, फिर भी उन्हें संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने का संवैधानिक अधिकार है। जेल में बंद सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की है। जबकि शेख अब्दुल राशिद, जिन्हें इंजीनियर राशिद के नाम से भी जाना जाता है, जो वर्तमान में जेल में हैं।उन्होंने बारामुल्ला सीट जीती है। इंजीनियर राशिद कथित आतंकवाद वित्तपोषण के आरोप में 9 अगस्त, 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। जबकि अमृतपाल पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसको असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है।
दरअसल, अब यह सवाल उठता है कि क्या जेल में बंद इन उम्मीदवारों को पद की शपथ लेने की अनुमति दी जा सकती है, और यदि हां, तो इसमें क्या प्रक्रियाएं शामिल हैं। संविधान विशेषज्ञ और पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी अचारी ने ऐसे मामलों में संवैधानिक प्रावधानों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि संसद सदस्य के रूप में शपथ लेना एक संवैधानिक अधिकार है। हालांकि, अपनी वर्तमान कैद के कारण, इंजीनियर राशिद और अमृतपाल को शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद में ले जाने के लिए अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। शपथ लेने के बाद, उन्हें वापस जेल जाना होगा।
पीडीटी आचारी ने संविधान के अनुच्छेद 101 (4) का हवाला देते हुए कानूनी पहलुओं को और स्पष्ट किया, जो अध्यक्ष की पूर्व स्वीकृति के बिना संसद के दोनों सदनों से सदस्यों की अनुपस्थिति को संबोधित करता है। उन्होंने बताया कि शपथ लेने के बाद, वे सदन की कार्यवाही में भाग लेने में असमर्थता के बारे में अध्यक्ष को लिखित रूप से सूचित करेंगे। इसके बाद अध्यक्ष उनके अनुरोधों को सदस्यों की अनुपस्थिति पर सदन समिति को भेज देंगे। इसके बाद समिति इस बारे में सिफारिश करेगी कि सदस्य को सदन की कार्यवाही से अनुपस्थित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। इसके बाद अध्यक्ष सदन में सिफारिश पर मतदान करेंगे।
बता दें कि, यदि इंजीनियर राशिद या अमृतपाल को दोषी ठहराया जाता है और उन्हें कम से कम दो साल की जेल की सजा सुनाई जाती है। तबी वे सुप्रीम कोर्ट के साल 2013 के फैसले के अनुसार तुरंत लोकसभा में अपनी सीट खो देंगे। इस निर्णय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4) को अमान्य कर दिया। जो पहले दोषी ठहराए गए सांसदों और विधायकों को अपनी दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील करने के लिए तीन महीने की अवधि प्रदान करता था।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.