India News (इंडिया न्यूज), MP Govt On Fast Food Consumption: मध्य प्रदेश विधानसभा में सोमवार को फास्ट फूड में मिलावट और इससे होने वाले स्वास्थ्य खतरों का मुद्दा जोर-शोर से उठा। जबलपुर उत्तर से भाजपा विधायक अभिलाष पांडे ने विधानसभा में यह सवाल किया कि क्या सरकार ने पिछले छह महीनों में फास्ट फूड में मिलावट की जांच के लिए कोई विशेष अभियान चलाया है?विधायक ने सदन में कहा कि राज्य में फास्ट फूड का सेवन तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बीमारियों की संख्या भी बढ़ रही है। बच्चों और युवाओं में जंक फूड की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार के पास ऐसे खाद्य पदार्थों में हानिकारक तत्वों की जांच के लिए कोई प्रभावी दिशानिर्देश हैं?
इस पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, जो स्वास्थ्य विभाग भी संभालते हैं, ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार कर रही है।
MP Government on fast food consumption फास्ट फूड के उपभोग पर मध्य प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब तक ऐसे मामलों में शामिल लोगों से 9 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठा रही है कि बाजार में बिक रहे खाद्य पदार्थ सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हों। विधायक अभिलाष पांडे ने बताया कि फास्ट फूड में अजीनोमोटो (मोनोसोडियम ग्लूटामेट), सुगंधित रसायन और अन्य संरक्षक मिलाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। ये पदार्थ न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं बल्कि उन्हें नशे की तरह लत लगाने वाला भी बनाते हैं, जिससे बच्चे खासतौर पर प्रभावित हो रहे हैं।
विधायक ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का जिक्र भी किया, जिसमें उन्होंने मोटापे को लेकर चिंता व्यक्त की थी। पीएम मोदी ने लोगों से तेल और अस्वास्थ्यकर भोजन के सेवन को कम करने की अपील की थी, क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
मध्य प्रदेश के विधानसभा मामलों के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि इंदौर में हाल ही में बच्चों को दिल का दौरा पड़ने की कई घटनाएं सामने आई हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इसका एक मुख्य कारण जंक फूड का अत्यधिक सेवन है। उन्होंने कहा कि कुछ खाद्य पदार्थों में ऐसे तत्व मिलाए जाते हैं जो बच्चों को इनका आदी बना देते हैं।
सरकार अब इस समस्या से निपटने के लिए सख्त दिशानिर्देश बनाने पर विचार कर रही है। जल्द ही फास्ट फूड में मिलावट और हानिकारक रसायनों के उपयोग पर सख्ती से रोक लगाने के लिए नए नियम लागू किए जाएंगे। इसके अलावा, लोगों को स्वस्थ खान-पान के प्रति जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाए जाएंगे। फास्ट फूड में मिलावट और हानिकारक रसायनों के उपयोग का मुद्दा अब विधानसभा में जोर पकड़ चुका है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही इस पर कड़े नियम लागू किए जाएंगे। यह कदम न केवल मिलावटखोरों पर लगाम लगाएगा बल्कि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने में भी मदद करेगा।
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