India News (इंडिया न्यूज), MP Politics: मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। विधानसभा सत्र के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के एक बयान ने हलचल मचा दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल इस योजना की राशि बढ़ाने या नए लाभार्थियों को जोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और इसे महिलाओं के साथ धोखा करार दिया।
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत 2023 में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना का सीधा असर विधानसभा चुनावों में देखने को मिला, जब महिला वोटरों ने इसे काफी सराहा। इसके बाद कई अन्य राज्यों ने भी ऐसी योजनाएं शुरू करने की घोषणा की।
MP Politics एमपी की राजनीति
विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने इस योजना की राशि बढ़ाने और नए नाम जोड़ने को लेकर सवाल किया था। इसके जवाब में मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि फिलहाल राशि को 3000 रुपये तक बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। साथ ही नए लाभार्थियों को जोड़ने पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है।
35 महिलाओं को जांच के बाद अपात्र पाया गया, इसलिए उनके नाम हटा दिए गए।
15,748 महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु के बाद योजना से हटा दिए गए।
60 साल की उम्र पूरी कर चुकी 3,19,991 महिलाओं के नाम नियमों के तहत स्वतः ही हट गए।
इस बयान के बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए कहा कि यह योजना सिर्फ चुनाव जीतने का हथकंडा थी।
– नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है।
– उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने 3000 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अब अपने वादे से पीछे हट रही है।
– कांग्रेस ने यह भी कहा कि नए पंजीकरण बंद होने से लाखों पात्र महिलाएं योजना से वंचित रह गई हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने सदन के बाहर सफाई देते हुए कहा कि
जो नाम कटे हैं, वे नियमानुसार हटाए गए हैं।
योजना अभी भी चल रही है और हर महीने महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
भविष्य में नए नाम जोड़े जा सकते हैं और राशि भी बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इस पर निर्णय शासन स्तर पर लिया जाएगा।
लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी सामाजिक योजनाओं में से एक रही है। इस योजना ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया, लेकिन अब इसे लेकर उठ रहे सवाल सरकार की नीयत और वादों पर संदेह पैदा कर रहे हैं। कांग्रेस जहां इसे चुनावी स्टंट बता रही है, वहीं सरकार कह रही है कि योजना जारी रहेगी और भविष्य में बदलाव संभव हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकार इस योजना को लेकर कोई नया ऐलान करती है या नहीं।