India News (इंडिया न्यूज), Mahkumbh 2025: कहते हैं, भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं ऐसा ही कुछ हुआ 70 वर्षीय जगदीश बारगाही के साथ, जो प्रयागराज महाकुंभ में संगम स्नान के दौरान अपने परिवार से बिछड़ गए थे। परिजनों की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, बेटे दुर्गेश ने यूपी और एमपी पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन पिता का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार, यूपी पुलिस ने उन्हें खोज निकाला और सही सलामत घर पहुंचाने का नेक काम किया।
26 जनवरी को बिछड़े, 2 फरवरी को घर लौटे
बुढार थाना क्षेत्र के पकरिया गांव निवासी जगदीश बारगाही 26 जनवरी को संगम स्नान करने पहुंचे थे। स्नान के बाद अचानक भीड़ में वह अपने परिवार से अलग हो गए। उन्होंने खुद भी काफी तलाश की, लेकिन अपार भीड़ के कारण परिजनों तक नहीं पहुंच सके। बेटे दुर्गेश ने यूपी और एमपी पुलिस से मदद मांगी, लेकिन दिनों तक कोई सफलता नहीं मिली।
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आधार कार्ड बना पहचान का आधार
बिछड़ने के बाद कई दिनों तक इधर-उधर भटकने के बाद शुक्रवार को यूपी पुलिस के जवानों से उनकी मुलाकात हुई। जब पुलिस ने बुजुर्ग से पूछताछ की, तो उन्होंने अपने पास रखा आधार कार्ड दिखाया, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट हुई। यूपी पुलिस के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें ट्रेन में बैठाकर घर भेजने की व्यवस्था की।
घर लौटते ही खुशी का माहौल
रविवार तड़के जब जगदीश अपने गांव पहुंचे, तो घर में खुशी का माहौल था। परिवारवालों की आंखें नम हो गईं और उन्होंने यूपी पुलिस का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया। खुद जगदीश ने कहा, “अगर यूपी पुलिस मदद नहीं करती, तो शायद मैं कभी घर नहीं लौट पाता।” इस घटना ने मानवता और पुलिस की संवेदनशीलता की मिसाल पेश की। यूपी पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक परिवार फिर से एकजुट हो सका, जो किसी चमत्कार से कम नहीं।
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