इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गणपति सच्चिदानंद स्वामी (Ganapathy Sachchidananada Swami) के 80वें जन्मदिन समारोह (80th Birthday Celebrations) को लेकर एक वीडियो संदेश (video message) जारी किया है। इस संदेश में उन्होंने रविवार को कहा कि हमारे संतों ने हमेशा हमें स्व से ऊपर उठकर सर्वस्व के लिए काम करने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा, संतों से प्रेरणा लेकर ही आज देश भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है।
आध्यात्मिक गुरु (spiritual master) के जीवन की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, स्वामी जी का जीवन समाज के लिए योगदान से भरा है जैसा कि कई आश्रमों, एक बड़ी संस्था, विभिन्न परियोजनाओं में देखा जाता है। उन्होंने कहा, आज हम स्वामी जी का 80वां जन्मदिन ऐसे समय में मना रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 साल का पर्व मना रहा है।
आजादी के 75 साल में हमारे सामने अगले 25 वर्षों के संकल्प हैं। आज दुनिया हमारे स्टार्टअप्स (startups) को भविष्य के रूप में देख रही है। मेक इन इंडिया (Make in India) वैश्विक विकास के लिए आशा की किरण बन रहा है। पीएम ने कहा, आज भारत की पहचान उसके योग और युवाओं से भी है। उन्होंने कहा, 21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) में बमुश्किल एक महीना बचा है।
मोदी ने कहा, आज देश अपनी प्राचीनता को संरक्षित भी कर रहा है, संवर्धन भी कर रहा है और अपनी नवीनता व आधुनिकता को ताकत भी दे रहा है। उन्होंने कहा, हमें अपने संकल्पों के लिए लक्ष्य बनाकर काम करना होगा।
हमारे आध्यात्मिक केंद्रों को इस दिशा में भी प्रेरणा के केंद्र बनना चाहिए। मोदी ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण और पक्षियों की सेवा के लिए उनके कार्यों को असाधारण बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस दिशा में कुछ और भी नए संकल्प लिए जाएं। उन्होंने जल संरक्षण, जल-स्रोतों, नदियों की सुरक्षा के लिए जनजागरुकता और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव (nectar festival of freedom) में देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवरों के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सरोवरों के रखरखाव और संवर्धन के लिए भी समाज को जोड़ना होगा। उन्होंने गणपति सच्चिदानन्द स्वामी जी को 80वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए उनके दीघार्यु होने की कामना की।
पीएम ने कहा कि आज पूज्य संतों और विशिष्ट अतिथियों द्वारा आश्रम में ‘हनुमत् द्वार’ का लोकार्पण भी हुआ है। गुरुदेव दत्त ने जिस सामाजिक न्याय की प्रेरणा हमें दी है, उससे प्रेरित होकर आज एक और मंदिर का लोकार्पण भी हुआ है। उन्होंने कहा कि एक संत का जन्म, उसका जीवन केवल उसकी निजी यात्रा नहीं होती है, बल्कि उससे समाज के उत्थान और कल्याण की यात्रा भी जुड़ी होती है।
दत्त पीठम् के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां अध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता का भी पोषण होता है। दत्त पीठम् आज वेदों के अध्ययन का बड़ा केंद्र बन गया है।
प्रकृति के लिए विज्ञान का ये उपयोग, आध्यात्मिकता के साथ टेक्नोलाजी का ये समागम, यही तो गतिशील भारत की आत्मा है। स्वामी जी जैसे संतों के प्रयास से आज देश का युवा अपनी परम्पराओं के सामर्थ्य से परिचित हो रहा है, उन्हें आगे बढ़ा रहा है।
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